Jun 21, 2017

Yoga Song Written by Santosh Choudhry Fazilka (Lachhman Dost Mob. No- 95309-98999)

योग

कंधों पर तू ले के, चल रहा है जिम्मेदारियां,
आशाएं पूरी कर रहा है तू घर की सारीयां।
अपना फर्ज निभाने में कहीं खुद को भूल न जाना,
स्वस्थ तन ही, स्वस्थ मन ही जिंदगी का खजाना।
हर मनुष्य के जीवन से दूर हो जाए रोग है,
स्वस्थ देश का देता है संदेश ये योग है।
योग है, योग है, योग है, ये योग है-2
योग है, योग है, योग है, ये योग है, यही योग है।

भाग दौड़ है जिंदगी में आराम कहां मिल पाता है,
काम का बोझ बढ़े जब जब, मानव मशीन बन जाता है।
दो पल बैठो, सुस्ता लो भई,
खाना वाना, तुम खा लो भई।
चेहरा ऐसे उतरा जैसे मन में सोग है।
हर मनुष्य के जीवन से दूर हो जाए रोग है,
स्वस्थ देश का देता है संदेश ये योग है।
योग है, योग है, योग है, ये योग है-2
योग है, योग है, योग है, ये योग है, यही योग है।

गर रहना है रिष्ट-पुष्ट तो योगासन कर प्यारे,
घर में खुशियां देखना कैसे महकेगी तुम्हारे।
योगासन के कितने फायदे,
पालन करने हैं कुछ कायदे।
कर के देखो, योग के क्या क्या उपयोग हैं।
हर मनुष्य के जीवन से दूर हो जाए रोग है,
स्वस्थ देश का देता है संदेश ये योग है।
योग है, योग है, योग है, ये योग है-2
योग है, योग है, योग है, ये योग है, यही योग है।
written by - Santosh Choudhry Fazilka

Thousands of people of India in Pakistan shouted with guns On the Zero Line of International Border on the Peer Baba Shah Muhammad Ali's Mazar- Lachhman Dost Fazilka

बंदूकों के साए में भारत पाकिस्तान के हजारों बाशिंदों ने किया मजार पर सजदा
अंतर्राष्ट्रीय सरहद की जीरो लाईन पर है पीर बाबा शाह मुहम्मद अली की मजार
फाजिल्का 19 जून: भारत पाक के बीच सरहदों की दूरियां आज सिमटती हुई नजर आई। मौका था भारत-पाक सरहद की अंतिम छोर पर बसे फाजिल्का के गांव गुलाबा भैणी में, जहां पीर बाबा शाह मुहम्मद अली की मजार पर मेले का आयोजन किया जाता है। मजार पाकिस्तान की सरहद से महज 10 फीट की दूरी पर है। मेले में भारत-पाक के हजारों श्रद्धालुओं ने सजदा किया। खास बात यह भी है कि मजार तारबंदी के दूसरी ओर है। यहां गेट नंबर 244 है। जहां पहले हर श्रद्धालु को तलाशी देकर मजार पर जाना पड़ता था और यह गेट सिर्फ मेले के दिन ही खोला जाता था। मगर दो साल पहले सीमा सुरक्षा बल की ओर से यह गेट हमेशा के लिए खोल दिया गया था। आज भी मेले में बंदूकों के साए में श्रद्धालुओं ने मजार पर माथा टेका और मन्नतें मांगी। ग्रामीण बलराम सिंह, राज सिंह, मांगा सिंह, लछमण सिंह, दलीप सिंह, बूड़ सिंह, गुरजीत सिंह आदि ने बताया कि बॉर्डर के निकट गांव वल्ले शाह उत्ताड़ था। सतलुज दरिया के निकट होने के कारण बाढ़ से गांव हर बार डूब जाता था। मगर बाढ़ का पानी इस मजार को नहीं डूबो सका। वहां से उठकर ग्रामीणों ने मजार के निकट एक गांव बसाया, जिसे गुलाबा भैणी का नाम दिया गया। यहां पहले से मौजूद पीर बाबा शाह मुहम्मद अली की मजार पर हर साल मेला लगता है। मेले में पहले भारत-पाक के जवानों के बीच कुश्ती और कबड्डी और अन्य कई तरह के मुकाबले होते थे और दूर दराज के क्षेत्रों से जवान इनमें हिस्सा लेते थे। 90 के दशक में जब सरहद के निकट तारबंदी की गई तो मजार तारबंदी के बीच आ गई। सुरक्षा जरूरी है, लेकिन लोगों की आस्था को देखते हुए हर साल मेले के मौके पर बी.एस.एफ. की की तरफ से तारबंदी पर स्थापित गेट नंबर 244 को खोल दिया जाता था। इसी तरह पाकिस्तान की तरफ से भी जांच के बाद श्रद्धालु आते हैं। मगर इस बार भारतीय श्रद्धालुओं ने बेरोक-टोक माथा टेका। इसी वहज वजह से भारत पाक की सरहदें सिमट सी जाती हैं। इस बार पाक श्रद्धालु दूर से ही सजदा कर सके।


Photoes by Pardeep Kumar Fazilka


Yoga Song - Written by Santosh Choudhry - Fazilka - 95309-98999 (Lachhman Dost Fazilka)

Yoga Song
Written by Santosh Choudhry - Fazilka - 95309-98999 (Lachhman Dost Fazilka)