punjabfly

Mar 24, 2020

भगत सिंह, राजगुरू, सुखदेव की समाधि लेने के बदले फाजिल्का ने दी इतनी बड़ी कुर्बानी ! ! !

शहीदे आजम स. भगत सिंह ने फाजिल्का में अपने कदम रखकर जहां इस धरती को पवित्र किया, वहीं शहीद भगत सिंह, राजगुरू, सुखदेव की समाधि लेने के बदले फाजिल्का ने बहुत बड़ी कुर्बानी दी है…उसी कुर्बानी के चलते फाजिल्का की भौगोलिक स्थिति बिगड़ गई और अनेक वीर जवानों को भारत-पाक 1965 व 1971 युद्ध में शहादत देनी पड़ी…इसके बावजूद फाजिल्का को नजरअंदाज किया गया है…जिस कारण फाजिल्का पिछड़ गया है।
शहीदे आजम स. भगत सिंह को याद करने वाले नेताओं में ऐसे कम नेता है, जिन्हें पता हो कि 60 के दशक से पहले तीनों शहीदों की समाधि पाकिस्तान के कब्जे में थी…जन भावनाओं को देखते हुए 1950 में नेहरू-नून-मुहाइदे के तहत फैसला लिया गया था कि पाकिस्तान से शहीदों की समाधि वापस ली जाए…करीब एक दशक की इस ऊहापोह के बाद पाकिस्तान ने फाजिल्का का अहम हिस्सा मांग लिया…जिस कारण फाजिल्का के 12 गांव और सुलेमानकी हैड पाकिस्तान को देना पड़ा।    
जो इलाका पाकिस्तान को दिया, वह सैन्य दृष्टि से काफी अहम था…यह इलाका देने से फाजिल्का के कई गांव पाकिस्तान की नजर के निकट आ गये और इलाका तिकोन आकार का बन गया…जिस कारण पाक के साथ हुए दो युद्धों में फाजिल्का को काफी नुकसान उठाना पड़ा।     
पाक को बारह गांव देने के कारण फाजिल्का सैक्टर में पाक से हुए युद्धों  में 216 सैना के जवानों को कुर्बान होना पड़ा…यह शहीद देश के विभिन्न राज्यें के रहने वाले थे…जिन की समाधि गांव आसफवाला में बनाई गई है…इसके बावजूद इस धरती को न तो शहीदों की धरती घोषित किया गया है और न ही स्मारक धरोहर घोषित किया गया है।
Share:

0 comments:

Post a Comment

Definition List

blogger/disqus/facebook

Unordered List

Support