ब्रिटिश साम्राज्य में लुधियाना - फिरोजपुर - फाजिल्का से होती हुई ट्रेन कराची तक लेकर जानी थी. . . इसके लिए रेल पटरी बनाने का काम तकरीबन मुकम्मल हो चुका था . . . रेलवे स्टेशन कहां कहां बनाए जाने हैं . . . इस बारे में विचार चल रहा था . . . बात सेठ चानन मल व हजूर सिंह के गांवों में आकर अटक गई . . . दोनों लैंडलार्ड थे . . . दोनों चाहते थे कि उनके गांव में रेलवे स्टेशन बने ताकि उनके गांव भविष्य में तरक्की की तरफ बढ़ सकें . . . उस समय फिरोजपुर के डी.सी. एम.आर. सचदेव थे और उन्होंने दोनों को बुला लिया . . . जब फैसला न हुआ तो डी.सी. ने शर्त रख दी कि जो अपनी मंडी को सुंदर बनाएगा, उसके गांव में रेलवे स्टेशन बनाय जाएगा . . . बस फिर क्या था . . . सुंदर मंडिय़ां बनाने का काम शुरू हो गया . . . लेकिन सेठ चानन मल ने सुंदर मंडी बनवाई. . . सुंदरता भी क्या बात थी . . . गांव भी पूरा स्वच्छ . . . गंदगी का नाम तक नहीं . . . डी.सी. ने दौरा किया तो दोनों मंडियां एक से बढक़र एक थी, लेकिन चानन मल की मंडी की सुंदरता अधिक थी. . . डी.सी. ने घोषणा कर दी कि मंडी चानन वाला में रेलवे स्टेशन बनाया जाएगा . . . साथ ही यह शर्त भी रख दी कि चानन वाला स्वच्छता में भी अव्वल रहना चाहिए . . . कहते हैं कि बरसों तक चानन वाला मंडी की स्वच्छता के चर्चे दूर दूर तक रहे . . . वैसे मंडी हजूर सिंह भी कम नहीं थी . . . मगर स्वच्छता की कुछ कमियां पाई गई. . . जिस कारण वहां रेलवे स्टेशन तो नहीं बनाया गया, लेकिन एक सुंदर गेट जरूर बनाया गया, जिस का उद्घाटन डी.सी. एम.आर. सचदेव ने 1935 में किया था . . .
सोचता हूं कि अगर देश के विभाजन के बाद भी इसी तरह से शर्तों का दौर जारी रहता . . . लोग सहयोग देते रहते तो गांव सुंदर होते . . . स्वच्छता बरकरार रहती. . . बीमारी का प्रकोप न के बराबर होता . . . और . . . आज देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को स्वच्छ भारत अभियान चलाने की जरूरत हीं न पड़ती. . . फिर भी जब जागो, तब सवेरा . . . आज भी इस तरफ कदम बढ़ाया जाए तो आने वाली पीढ़ी को जरूर इसका फायदा मिलेगा . . . अगर आप चाहते हैं कि मेरा गांव स्वच्छ हो तो इस बात को दूसरों तक पहुंचाएं , ताकि हर गांव और शहर सुंदर व स्वच्छ बन सके . . . Lachhman Dost Whatsup No 99140-63937
सोचता हूं कि अगर देश के विभाजन के बाद भी इसी तरह से शर्तों का दौर जारी रहता . . . लोग सहयोग देते रहते तो गांव सुंदर होते . . . स्वच्छता बरकरार रहती. . . बीमारी का प्रकोप न के बराबर होता . . . और . . . आज देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को स्वच्छ भारत अभियान चलाने की जरूरत हीं न पड़ती. . . फिर भी जब जागो, तब सवेरा . . . आज भी इस तरफ कदम बढ़ाया जाए तो आने वाली पीढ़ी को जरूर इसका फायदा मिलेगा . . . अगर आप चाहते हैं कि मेरा गांव स्वच्छ हो तो इस बात को दूसरों तक पहुंचाएं , ताकि हर गांव और शहर सुंदर व स्वच्छ बन सके . . . Lachhman Dost Whatsup No 99140-63937
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