punjabfly

Dec 11, 2017

To complete his hobby, Krishan Taneja (Fazilka) has collected the foreign currency




शौक ने बनाया दुर्लभ सिक्कों का सरताज

फाजिल्का के कृष्ण तनेजा के पास हैं कई देशों की करंसी

फाजिल्का: अपना शौक पूरा करने के लिए उसने देश विदेश की करंसी एकत्र की है। इस काम में उन्हें करीब 20 साल लग गए और इस करंसी पर हजारों रूपये खर्च किए गए। हैरानी की बात है कि उसने 16वीं सदी से लेकर अब तक की भारतीय करंसी और कई देशों की करंसी ढूंढ निकाली है। उसके पास छोटे पैसे से लेकर कई बड़े नोट तक एकत्र किए हैं। यह करंसी फाजिल्का के गांधी नगर मौहल्ला निवासी कृष्ण तनेजा सुपुत्र स्व. चानन लाल के पास सुरक्षित है। एकत्र की गई करंसी के लिए लोग लाखों रूपये देने को तैयार हैं, लेकिन शौंक को लेकर कृष्ण तनेजा इन्हें बेचने को राजी नहीं हैं।
देवी देवताओं के अलावा विभिन्न देशों के सिक्के
कृष्ण तनेजा के पास मुगलकालीन रियासत की अशर्फीयों, ईस्ट इंडिया कंपनी के अलावा उनके गवालियर के महाराजाओं के समय के सिक्के, स्वाई मान सिंह, श्री जीवाजी राय छिन्दे आदि राजाओं के सिक्को अलावा हिन्दु देवी देवताओं शिव पार्वती, राम दरबार, शिव परिवार, हनुमान जी, श्री गुरू नानक देव जी(1804) जिस पर बाला और मरदाना की फोटो भी है और उस पर सत करतार लिखा हुआ है, सहित कई धार्मिक गुरूओं के सिक्के हैं। उनके पास आधा पैसा से लेकर दस रूपये तक के नोट भी हैं। कृष्ण तनेजा के पास अमरीका, कनेडा, अरब अमीरात, श्री लंका, पाकिस्तान, नेपाल, नाईजीरिया, सिंगापुर, साऊथ अफ्रीका, इन्डोनेशिया, बैल्जियम, यूरोप, हांगकांग, आस्ट्रेलिया, शिलिंग, फ्रांस, जर्मनी के सिक्के  हैं।
क्या कहते हैं कृष्ण तनेजा
कृष्ण तनेजा के पास वो तकरीबन हर तरह का सिक्का और नोट है, जो भारत में शुरू हुआ है। इसके अलावा तकरीबन हर देश के नोट या सिक्का है। जिसे उन्होंने विभिन्न स्थानों पर घूम कर इक्_ किया है। उन्होंने बताया कि यह उनका शौंक है और वह इन सिक्कों रूपयों की विभिन्न स्थानों पर प्रदर्शनी लगाएगा।
ऐसे पनपा शौंक
बचपन में माता पिता उन्हें जेब खर्च के लिए कुछ पैसे देते थे और वह इन पैसों में से आकर्षित सिक्कों को अपने पास रख लेते थे और बाकी सिक्कों से वह बाजार से सामान खरीद लेते थे। जैसे जैसे उसने अपना होश संभाला तो उसने अपने दोस्तों, रिश्तेदारों से आकर्षित सिक्कों की मांग करनी शुरू कर दी और धीरे धीरे उसने कई तरह के सिक्कों को अपने पास सुरक्षित कर लिया। जिसके बाद उसका शौक विदेशी करंसी को एकत्र करने की तरफ बढ़ा और उन्हें जहां से भी विदेशी करंसी मिली, उसे पैसे देकर खरीद लिया। आज उसके पास कई सदियों के विभिन्न देशों की करंसी मौजूद है।
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Fazilka: To complete his hobby, he has collected the foreign currency. In this work he took nearly 20 years and thousands of rupees were spent on this currency. Surprisingly, he has discovered the currency of the Indian currency and many countries since the 16th century. From small money to many big notes collected from MR. Krishan Taneja, R/O Gandhi Nagar Mauhalla Fazilka. People are ready to give millions of rupees for the collected money, but Krishna Taneja is not willing to sell them to Shank.
Coins of different countries besides gods and goddesses
Besides Krishna Taneja, the Ashrafi of Mughal state, other than the East India Company, coins of the time of Maharajas of his Gwalior, Swai Man Singh, Sri Jivaji Rai Chinde, besides Sikko kings, Hindu deities, Shiva Parvati, Ram Darbar, Shiva Parivar, Hanuman ji , Sri Guru Nanak Dev ji (1804), which also has a photograph of Baala and Mardana, and there is a Sat Kartar written on it, including coins of many religious teachers. They have notes from half way to ten rupees. Krishna Taneja has coins of US, Canada, Arab Emirates, Sri Lanka, Pakistan, Nepal, Nigeria, Singapore, South Africa, Indonesia, Belgium, Europe, Hong Kong, Australia, Shilling, France and Germany.
What is called Krishna Taneja
Krishna Taneja has almost every kind of coin and note, which has started in India. In addition, almost every country has a note or coin. Which he has traveled in different places and has done the same. He said that this is his shoe and he will exhibit these coins and rupees at different places.
Such a flourishing show
In their childhood, parents used to pay some money for their pocket expenses and they used to keep coins drawn from these money, and with the other coins they used to buy goods from the market. As he took his senses, he started demanding coins from his friends, relatives, and gradually he secured many types of coins with him. After which, his interest grew to collect foreign currency and from where he got a foreign currency, he bought it by paying him. Today, he has a currency of various countries for many centuries.
KRISHAN TANEJA FAZILKA 88378-63572 or 92566-12340
Written by LACHHMAN DOST FAZILKA 95309-98999 or 99140-63937


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