punjabfly

Sep 21, 2017




























Beautiful painting on the trees - by lachhman Dost and his team Fazilka 
कला का काफिला पहुंचा देश के आखिरी गांव
तीन तरफ से पाकिस्तान से घिरे गांव में गूंजा मोदी का स्वच्छता का नारा
दोस्त के नेतृत्व में टीम ने गांव मुहार जमशेर के सरकारी स्कूल की पेंटिंग से बदली नुहार 
LACHHMAN DOST- FAZILKA
फाजिल्का/ कला का जो सफर फाजिल्का के एक मोहल्ले से शुरू हुआ था, वो अब बढ़ते बढ़ते पड़ोसी मुल्क की सरहद को छूने लगा है। भारत पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय सरहद पर स्थित तीन तरफ से पाकिस्तान और चौथी तरफ से सतलुज दरिया में घिरे गांव मुहार जमशेर के सरकारी प्राइमरी स्कूल में फाजिल्का की हरफनमौला शख्सियत लछमन दोस्त व उनकी टीम ने पीएम मोदी का स्वच्छता का संदेश अपनी मनमोहक पेंटिंग से पहुंचाया है। महज तीन दिन के अल्प समय में टीम ने स्कूल में लगे पेड़ों को मनमोहक चित्रों से सरोबार कर दिया है। इस बारे में जानकारी देते हुए स्कूल अध्यापक स्वीकार गांधी वह गौरव मदान ने बताया कि भारत पाकिस्तान सरहद पर स्थित तारबंदी के निकट इस स्कूल में फाजिल्का के इतिहासकार लछमण दोस्त के ग्रुप की ओर से 35 पेड़ों पर विभिन्न तरह की चित्रकारी और कलाकृतियां बनाई गई हैं। इससे जहां स्कूल की सुंदरता में इजाफा हुआ है, वहीं स्कूल के बच्चों को भी बहुत कुछ सीखने को मिलेगा व बच्चों के स्कूल आने की रूचि भी बढ़ेगी। उन्होंने बताया कि भारत के अंतिम छौर पर बसे गांव मुहार जमशेर के सरकारी प्राइमरी स्कूल में सीमा सुरक्षा बल के अधिकारियों व जवानों के अलावा कई बार पर्यटकों का भी आना जाना रहता है। क्योंकि यह गांव पंजाब का एक अलग गांव हैं और सरहद की जीरों लाईन पर बसा हुआ है। उन्होंने बताया कि इससे स्कूल में आने वाले बच्चों के परिजनों को भी स्वच्छता का संदेश मिलेगा। पेड़ों पर चित्रकारी कर रहे विशु तनेजा और संतोष चौधरी ने बताया कि स्कूल में पेड़ों पर राष्ट्रीय पक्षी मोर सहित तरह तरह के पक्षी, मिक्की माउस, पुस्तकें, पंैसिल सहित बच्चों के सीखने के लिए विभिन्न तरह की चित्रकारी की गई है। उन्होंने बताया कि बच्चों के लिए पेड़ों पर खिलौने, खेल और पुस्तकें आदि बनाने का मकसद है कि बच्चे उन चित्रों से कुछ सीख सकें। इससे बच्चों को जहां सीख मिलेगी, वहीं बच्चों का ध्यान सफाई की तरफ भी बढ़ेगा और वह सीखकर अपने आसपास व घरों की सफाई का खास ध्यान रखेंगे। लछमण दोस्त ने बताया कि उनके ग्रुप की तरफ से फाजिल्का को कलरफुल बनाने का सपना संजोया गया है। इसके तहत ग्रुप पहले फाजिल्का के प्रताप बाग, भारत पाकिस्तान की सादकी चौकी, फाजिल्का के पशु अस्पताल और नईं आबादी इस्लामालाद, मौजम रेलवे क्रॉसिंग और रामलीला के मैदान में पेड़ों पर रेलवे पोल व बिजली के खम्बों पर चित्रकारी की जा चुकी है। 
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Art's convoy reached the last village of the country
Modi's cleanliness slogan gunga in three villages, surrounded by Pakistan
Under the leadership of the team, the team replaced the painting of the government school of village Muhar Jamsher
Fazilka / - The journey of art which started from a district of Fazilka, has now begun to touch the border of the ever increasing neighboring country. India on the Pakistan International border, on behalf of Pakistan and on the fourth side, the village of Sutlej Dariya, situated in the Government Primary School of Mashar Jamser, the all-round folklore of Fazilka, Lachman Dost and his team conveyed the message of cleanliness of PM Modi with his lovely paintings. In just a short span of three days, the team has parked trees in the school with picturesque pictures. Giving this information, Teacher Mr Savikar Gandhi and Mr GauraV Madan said that according to the group of historians Lachhman Dost, a group of paintings and art works have been made on 35 trees by Fazilka historian Lachhman Dast, near this school, near the Tarbandi on India-Pakistan border. With this, where the beauty of the school has increased, the children of the school will also learn a lot and children's interest in coming to school will also increase. He said that besides the officers and jawans of Border Security Force, there is also a visit to the government primary school of Muhar Jamsher village, situated at the last resort of India. Because this village is a separate village of Punjab and the border of the border is settled on the line. He said that this will also give the message of cleanliness to the families of children coming to school. Vishu Taneja and Santosh Chaudhary, who are painting on the trees, told that a variety of paintings have been done for the children, including national bird peacock, on trees, for learning different types of birds, mickey mouse, books, pacias. He said that it is intended for children to make toys, games and books etc. on trees that children can learn from those pictures. Where children can learn, children's attention will also increase towards cleanliness and they will learn special care of cleaning their surroundings and houses. Lachhman Dost said that the dream of making Fazilka colorful from the side of his group has been preserved. Under this, the group has already been painted on railway pole and electric poles on trees in Pratap Bagh of Fazilka, Sardaki Chowki of India Pakistan, Animal Hospital of Fazilka and new Abadi Islamamad, Mojam railway crossing and Ramlila grounds.
By- Lachhman Dost-
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