punjabfly

Aug 14, 2017

फाजिल्का,
भारत पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय सरहद पर स्थित सादकी बॉर्डर (महावीर चौकी) पर स्वतंत्रता दिवस और रोजाना होने वाली रीट्रीट सैरेमनी और वहां होने वाले अन्य समारोह में पहुंचने वाले हजारों दर्शकों को इस बार पेड़ देश भक्ति का गाथा सुनाएंगे। क्योंकि सादकी बॉर्डर पर रोपित बड़े पेड़ों पर देश भक्ति की भावना भरने वाले गाथाओं के अलावा हर पेड़ पर राष्ट्रीय भावना से सबंधित सुंदर चित्र बनाए गए हैं। जिन की शुरूआत सादकी बॉर्डर से कर दी गई है। फाजिल्का शहर में 200 से अधिक पेड़ों पर सुंदर चित्रकारी बना चुके फाजिल्का के इतिहासकार लछमण दोस्त की अगवाई में सादकी बॉर्डर पर स्थित पेड़ों पर देश भक्ति से सबंधित चित्रकारी का कार्य शुरू कर दिया गया है। इस कार्य में लछमण दोस्त की टीम ने सीमा सुरक्षा बल के सहयोग से शुरू किया है। उनकी टीम में श्रीमती संतोष चौधरी, विशु तनेजा, कृष्ण तनेजा, सोनिया कंबोज, जन्नत, खुशी, तमन्ना, आयुश आदि शामिल हैं। बॉर्डर पर शुरूआत के वक्त सीमा सुरक्षा बल के अधिकारी, जवान और सी.सु.ब. के विशेष सहयोगी लीलाधर शर्मा के अलावा हैप्पी चुघ, पंकज धमीजा, हरमीत सिंह आदि मौजूद थे। जानकारी देते हुए लछमण दोस्त ने बताया कि सादकी बॉर्डर पर 15 अगस्त के दिन करीब 30 हजार दर्शक और रोजाना रीट्रीट के समय भी भारी तादाद में दर्शक पहुंचते हैं। इसके अलावा अनेक प्रदेशों से पर्यटक भी पहुंचते हैं। उन्होंने बताया कि पेड़ों पर पेंटिंग करने का उद्देश्य वहां आने वाले दर्शकों में और अधिक देश भक्ति की भावना भरना है। उन्होंने बताया कि अब दर्शकों के वहां पहुंचने पर पेड़ों लिखी देश भक्तों की गाथाओं, देश भक्ति से सबंधित चित्रों को देखकर ही उनके दिलों में देश भक्ति के प्रति अधिक जोश व उत्साह उभरेगा। उन्होंने बताया कि पेंट उपलब्ध करवाने में समाजसेवक महेश नागपाल ने सहयोग दिया है। लेखिका संतोष चौधरी व विशु तनेजा ने बताया कि पेड़ों पर भारत माता, राष्ट्रीय ध्वज, भारत का नक्शा, तीन रंगों में पक्षी आदि बनाए गए हैं। इसके अलावा देश भक्ति की भावना भरने वाले स्लोगन लिखे गए हैं। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान की तरफ से नजर आने वाले पेड़ों पर शेर के चित्र बनाए गए हैं ताकि पाकिस्तान को पता चल सके कि भारत का हर जवान शेर जैसी ताकत रखता है और भारत दुनियां का राजा बनने की भी हिम्मत रखता है। उन्होंने बताया कि पेड़ों पर फूल आदि भी बनाए गए हैं ताकि पाकिस्तान को भी पता चल सके कि भारत की खुश्बूदार मिट्टी के चलते भारत का हर व्यक्ति देश पर आने वाली हर समस्या का डटकर सामना करने की हिम्मत रखता है और वह इस खुश्बूदार मिट्टी के लिए अपनी जान तक कुर्बान करने को भी तैयार है। Lachhman Dost Fazilka









Sadeki will narrate the trees on the border
 Fajilka, India, on the Pakistan-Pakistan border, on the Sardaki Border (Mahavir Chauki), will celebrate Independence Day and Daily Retreat Sareemi and thousands of other people who are attending the festival there, this time the tree will recite the saga of nation devotion. Apart from the stories that fill the feeling of patriotism on the big trees planted on the Sardaki border, beautiful scenes related to the national sentiment have been made on every tree. Those who have been started with Sadaki Border Under the leadership of Fazilka historian Lachman Dost, who has made beautiful paintings on over 200 trees in the city of Fazilka, the work of painting related to patriotism has been started on the trees situated on the Sardki border. In this work, the team of Lachhman Dost started with the help of Border Security Force. His team included Mrs. Santosh Chaudhary, Vishu Taneja, Krishna Taneja, Sonia Kamboj, Jannat, Happiness, Tamanna, Ayush etc. At the beginning of the border, officers of Border Security Force, Jawan and C. Sub. Apart from the special colleague Liladhar Sharma, Happy Chugh, Pankaj Dhamija, Harmeet Singh etc. were present. Giving information, Lakhman said that on the 15th of August on the border of Saadki, the audience reaches a huge crowd at around 30 thousand viewers and daily retreat. Apart from this, tourists also come from many states. He said that the aim of painting on trees is to fill the feeling of more patriotism in the audience coming there. He told that after seeing the audience, the trees and the images of the country's devotees, the images related to patriotism, will be more enthusiastic and enthusiasm towards the country's devotion in their hearts. He told that social worker Mahesh Nagpal has contributed in providing paints. The author Santosh Chaudhary and Vishu Taneja said that on the trees, Bharat Mata, National Flag, India map, Birds in three colors have been made etc. Apart from this, slogans who have fostered a sense of patriotism have been written. They said that pictures of lions have been made on the trees seen by Pakistan, so that Pakistan can know that every young man in India has the strength of the lion and India also has the courage to become the king of the world. They said that flowers are also made on trees so that Pakistan can also know that every person of India has the courage to face every problem that comes to the country due to the fragile clay of India and it is for this fragile soil. It is also ready to sacrifice your life. He told that the painting on the trees of patriotism will be dedicated to the audience on the auspicious occasion of Independence Day.
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