सतनाम कौर ने अन्य बेटियों के लिए भी उम्मीद का दरवाजा खोला: घुबाया
विधायक ने गांव दोना नानका में जाकर डॉक्टरी में दाखिला लेने वाली किसान की बेटी को किया सम्मानित
फाजिल्का - भारत पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय सरहद के निकट स्थित सतलुज दरिया के पार रहने वाले ग्रामीणों में से पहली बार किसी लडक़ी ने डॉक्टरी की पढ़ाई शुरू की है। इससे न सिर्फ जिला फाजिल्का का नाम रोशन हुआ है, बल्कि सरहद पर बसी बेटियों ने यह भी साबित कर दिया है कि सरहदी लड़कियां किसी से कम नहीं हैं। उक्त उदगार फाजिल्का के विधायक दविन्द्र सिंह घुबाया ने किया है। वह सरहदी गांव दोना नानका की रहने वाले किसान परिवार की बेटी सतनाम कौर को सम्मानित करने के लिए पहुंचे थे। इस मौके पर विधायक के मीडिया इंचार्ज बलकार सिंह सिद्धू, कार्यालय इंचार्ज हरबंस ङ्क्षसह, बलदेव सिंह भट्टी, देसा सिंह सरपंच, अध्यापक लवजीत सिंह, अध्यापक सुखदेव सिंह सहित भारी संख्या में कांग्रेस वर्कर और ग्रामीण मौजूद थे। छात्रा सतनाम कौर ने अपनी प्राथमिक शिक्षा गांव के ही सरकारी प्राइमरी स्कूल से हासिल की थी। इस दौरान पांचवीं कक्षा में सतनाम कौर ने 450 में से 446 अंक हासिल करके पंजाब में प्रथम स्थान पाया था। इसके बाद उसने बारहवीं की शिक्षा अकाल एकेडमी बड़ू साहिब से हासिल की और इस दौरान सतनाम कौर ने बिना किसी टयूशन से 93 प्रतिशत अंक हासिल किए। सतनाम कौर उर्फ संतो बाई का इस साल सी.ई.टी. में सिलैक्शन के साथ नीट क्लीयर हो गया। उसने रिजर्व कैटेगिरी में 72वां रैंक हासिल किया और गुरू अंगद देव वैटरनरी एंड एनीमल साईंस यूनिवर्सिटी में रिजर्व कैटेगिरी में 12वां रैंक हासिल करके जहां उसने अपने गांव की शान बढ़ाई, वहीं सरकारी स्कूलों की काबलियत पर शक्क करने वालों के भी मुंह पर भी करारा तमाचा मारा। अब छात्रा सतनाम कौर का वैटरनरी डॉक्टरी की पढ़ाई के लिए दाखिला हुआ है। स. घुबाया के मीडिया इंचार्ज बलकार सिंह सिद्धू ने बताया कि इस दौरान विधायक घुबाया ने अपने संबोधन में कहा कि सरहद पर स्थित सतलुज दरिया के पार पहली बार किसी लडक़ी ने डाक्टरी की पढ़ाई शुरू की। उन्होंने कहा कि दरिया में बाढ़ हो या भारत पाकिस्तान में तनाव, सरहदी ग्रामीणों ने हमेशा उनका डटकर मुकाबला किया है। उन्होंने कहा कि छात्रा सतनाम कौर ने खुद सफल होकर जिला फाजिल्का की अन्य बेटियों के लिए उम्मीद का दरवाजा खोला है।
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