आजादी की खुशी में पेड़ों पर उकेरा अनोखा रंग
बॉर्डर की सुंदरता में हुआ इजाफा, स्वच्छ भारत, पर्यवरण का दिया संदेश
फाजिल्का, 12 अगस्त: भारत की आजादी की खुशी मे देश भर में देश भक्ति की गाथा गाई जाएगी, मगर भारत पाकिस्तान की सरहद पर स्थित सादकी बॉर्डर पर आजादी की खुशी में पेड़ों पर अनोखा रंग करके देश प्रेम की अलख जगाई है। इस अलख को जगाने वाले बताते हैं कि देश प्रेम की भावना को किसी भी तरह से उजागर किया जा सकता है।
पैदा होगा देश पे्रम का जज्बा
पंजाब के सरहदी जिला फाजिल्का के दो ऐसे ही परिवार हैं जो अपनी देश प्रेम की भावना के साथ साथ स्वच्छ भारत परिवार और वातावरण प्रेम को अपने अलग ही अंदाज में प्रदर्शित कर रहे हैं। इन्होंने भारत-पाक अंतर्राष्ट्रीय सरहद पर बने सादकी बॉर्डर के पेड़ पौधों को इस कदर देश प्रेम के रंग में उतारा है, जिनको देखने से देश प्रेम का जज्बा खुद-बा-खुद पैदा हो जाता है।
दर्शक होंगे आकर्षित
भारत पाकिस्तान की सरहद पर बसे फाजिल्का शहर में हर वर्ग और हर जाति के लोग एक साथ परिवार की तरह रहते हैं। जो आपसी भाईचारक सांझ, सदभावना का प्रतीक है। यहां के लोगों ने अपने इलाके को एक अलग पहचान दी है। इस पहचान में सरहद पर स्थित सादकी बॉर्डर की चौकी भी है। जहां भारत पाक के बीच रिट्रीट सैरेमनी होती है। जिन्हें देखने के लिए सैंकड़ों की तादाद में दर्शक पहुंचते हैं। गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस पर तो यह संख्या 60-65 हजार से भी अधिक पहुंच जाती है। पाकिस्तान की तरफ से पहुंचने वाली संख्य अलग है।
टीम बनाकर करते हैं काम
सादकी बॉर्डर को और चार चांद लगाने वाले परिवार फाजिल्का की हरफनमौला शख्सियत व इतिहासकार लक्षमण दोस्त व कृष्ण तनेजा का परिवार है। इन परिवारों की महिलायों सहित बच्चों ने भी इस कड़ी में परिश्रम करके सीमा सुरक्षा बल के सहयोग से सादकी बॉर्डर पर लगे सभी पेड़ों पर रंगों से की गई कलाकृति से उनको एक अलग पहचान दी है, सभी पेड़ पौधे देश प्रेम की भावना को उजागर कर रहे है। इन परिवारों की तरफ से पेड़ों पर देश भक्ति की लिखी इस इबादत को स्वतंत्रता दिवस पर आने वाले हजारों दर्शकों को अपनी तरफ आकर्षित करेंगे और उनके दिलो में देश प्रेम के जज्बे को पैदा करेगे। इतिहासकार लक्षमण दोस्त, उनकी धर्मपत्नी संतोष चौधरी, कृष्ण तनेजा व उनकी धर्म पत्नी विशु तनेजा बताते हैं उन्होंने सादकी बॉर्डर के पेड़ों पर देश भक्ति की गाथा लिखी है।
किसी पेड़ पर राष्ट्रीय ध्वज तो किसी पेड़ पर देश के रक्षक जवान का चित्र अंकिंत किया गया है। किसी पेड़े पर राष्ट्रीय पक्षी मोर तो किसी पेड़ पर अन्य पक्षी और फूल आदि बनाए गए हैं। इसक अलावा सामाजिक कुरीतियों से सबंधित स्लोगन व चित्र बनाए गए हैं। जो बॉर्डर की सुन्दरता को तो बढ़ाएंगे ही, साथ ही यहां आने वाले दर्शकों को देश प्रेम से जुड़ी बातों के अलावा स्वच्छ भारत अभियान, पर्यवरण बचाने के लिए प्रेरित करेंगे। उन्होंने बताया कि इस सारे कार्य को मुकम्मल करने के लिए उनकी तरफ से रंगला बंगला फाजिल्का टीम बनाई गई है। जो अब तक वह 300 से अधिक पेड़ों पर रंगों से कलाकृति दिखा चुके हैं। इस टीम में बच्चों जन्नत कंबोज, खुशी, तमन्ना, आयुश व विहान का भी सहयोग है।
किसी पेड़ पर राष्ट्रीय ध्वज तो किसी पेड़ पर देश के रक्षक जवान का चित्र अंकिंत किया गया है। किसी पेड़े पर राष्ट्रीय पक्षी मोर तो किसी पेड़ पर अन्य पक्षी और फूल आदि बनाए गए हैं। इसक अलावा सामाजिक कुरीतियों से सबंधित स्लोगन व चित्र बनाए गए हैं। जो बॉर्डर की सुन्दरता को तो बढ़ाएंगे ही, साथ ही यहां आने वाले दर्शकों को देश प्रेम से जुड़ी बातों के अलावा स्वच्छ भारत अभियान, पर्यवरण बचाने के लिए प्रेरित करेंगे। उन्होंने बताया कि इस सारे कार्य को मुकम्मल करने के लिए उनकी तरफ से रंगला बंगला फाजिल्का टीम बनाई गई है। जो अब तक वह 300 से अधिक पेड़ों पर रंगों से कलाकृति दिखा चुके हैं। इस टीम में बच्चों जन्नत कंबोज, खुशी, तमन्ना, आयुश व विहान का भी सहयोग है।
Illuminated unique colors on trees in the joy of freedom
Border beauty enhances, clean India, message delivered by the people
Fazilka, August 12: India's freedom will be sung by the happiness of India's freedom, but the country has woken up to love by making unique colors on the trees in the happiness of freedom on the Sadqi border on the outskirts of Pakistan. Those who awaken this look say that the love of the country can be exposed in any way.
Will be born of country's love
There are two such families of Sirhadi district of Phazilka in Punjab who are displaying their country of love with a clean India family and atmosphere in their different style. They have brought the Sardis Border trees made on the Indo-Pak international border in the form of love of country, in this way, seeing the country's love is born by itself.
Spectators will attract
India resides on the outskirts of Pakistan, people of every caste and every caste live together in a family together in Fazilka city. Which is a sign of mutual brotherhood, goodwill. The people here have given their area a different identity. This identity is also the post of Sadaki Border located on the outskirts. Where there is a retreat saramedi between India and Pakistan. Viewers reach hundreds of people to see. On Republic Day and Independence Day, this number reaches more than 60-65 thousand. The number coming from Pakistan is different.
Team work
The family of Sadaqi Border and the other four families are the family of Fazilka's family and the family of historian Lachhman Dost and Krishna Taneja. The children, including the women of these families, also worked hard in this episode with the help of the Border Security Force, they have given them a distinct identity with the artwork of colors on all the trees on the Sardar Border, all the tree plants are highlighting the love of the country. is.
On behalf of these families, on this day, the country will draw thousands of visitors who come to the Independence Day on this tree, and will create the love of the country in their hearts. Historian Lachhman Dost, his wife Santosh Chaudhary, Krishna Taneja and his wife Vishu Taneja say they have written the saga of patriotism on the trees of Sardaki Border. National flag on a tree, the picture of the country's security officer has been digitized on any tree. National bird peacock on any tree, other birds and flowers etc. have been made on any tree. Apart from this, slogans and pictures related to social evils have been made. Which will enhance the beauty of the border,
as well as the visitors who come here to inspire the nation to love the Swachh Bharat Abhiyan, save the story. He said that to make all this work work, Rangla Bangla Fazilka team has been formed from them. So far, he has shown artwork in more than 300 trees with colors. The team also has the support of children Jannat Kamboj, Khushi, Tamanna, Ayush and Vihaan(LACHHMAN DOST - FAZILKA)
On behalf of these families, on this day, the country will draw thousands of visitors who come to the Independence Day on this tree, and will create the love of the country in their hearts. Historian Lachhman Dost, his wife Santosh Chaudhary, Krishna Taneja and his wife Vishu Taneja say they have written the saga of patriotism on the trees of Sardaki Border. National flag on a tree, the picture of the country's security officer has been digitized on any tree. National bird peacock on any tree, other birds and flowers etc. have been made on any tree. Apart from this, slogans and pictures related to social evils have been made. Which will enhance the beauty of the border,
as well as the visitors who come here to inspire the nation to love the Swachh Bharat Abhiyan, save the story. He said that to make all this work work, Rangla Bangla Fazilka team has been formed from them. So far, he has shown artwork in more than 300 trees with colors. The team also has the support of children Jannat Kamboj, Khushi, Tamanna, Ayush and Vihaan(LACHHMAN DOST - FAZILKA)
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