"Fazilka Heritage"
ब्रिटिश साम्राज्य का मनोरंजन कक्ष
आर्च कंट्रक्शन की मनमोहक कला की पेशकश गोल कोठी
फाजिल्का के उत्तर दिशा में बाधा झील के किनारे ब्रिटिश अधिकारी पैट्रिक वंस एगन्यू की ओर से निर्मित बंगला और ओलिवर की ओर से विकसित किए गए ओलिवर गार्डन के नजदीक शताब्दी पूर्व निर्मित किया गया रिक्रीऐशन कल्ब ब्रिटिश वास्तुशैली का उत्कृष्ट पेशकश है। कारीगरों की हस्तकला से सजी सवरी कल्ब की ऐतिहासिक इमारत अपनी श्रेष्ठता में सौन्दर्य के संयोजन का परिचय देती है। रिक्रीऐशन कल्ब ब्रिटिश साम्राज्य में 1913 ई. में अस्तित्व में आई थी। इसका वास्तविक नाम दि बोस्वर्थ समिथ रिक्रीएशन कल्ब है। ब्रिटिश अधिकारयिों ने बंगला में पहुंचने वाले प्रत्येक नेता और अधिकारी के मनोरंजन के लिए इस इमारत का निर्माण करवाया था। इमारत छहभुज नीव आधार पर बनाई गई है। जो खुद में एक एक ऊंचे मंच पर बनाई होने की झलक देती है। जिसकी नींव प्रत्येक कोने से उठने वाली आर्चद्वार और दीवारें इमारत को पर्याप्त संतूलन देती हैं। इस गोलाकार इमारत को मोटी दीवारों से बनाया गया है। जिन पर पक्की ईंटे लगाकर चूना व सुरखी से चिना गया है। कल्ब की इमारत महलनुमा और गोलाकार होने के कारण इसे गोल कोठी के रूप में अधिक जाना जाता है। इमारत के उत्तर से दक्षिण दिशाओं तक आर्च कन्ट्रक्शन शैली में प्रवेशद्वार बनाए गए हैं। जिनकी संख्या 18 है। विजय और हर्ष का प्रतीक स्तम्भों को गुलाबी रंग दिया गया है। प्रत्येक फलक में आर्च कंट्रक्शन से निर्मित द्वारों के आगे तीन सीढिय़ां बनाई गई हैं। जहां से कल्ब के गलियारे में प्रवेश होता है। मुख्यद्वार के साथ लगते द्वारों में समानता है। इनमें फर्क सिर्फ यह है कि बाकी द्वार मुख्यद्वार से छोटे हैं। किसी भी द्वार से इमारत के गलियारे में पहुंचा जा सकता है। गलियारे में पैदल पथ बनाया गया है। जहां से इमारत के उत्तर से दक्षिण तक घूमा जा सकता है। गलियारे की खास विशेषता यह है कि गलियारे में सर्दी के मौसम दौरान धूप और गर्मी के मौसम में ठंडी छांव का लुत्फ उठाया जाता है।
केन्द्र में छहभुज कक्ष का निर्माण किया गया है। जिसके उत्तर और पूर्व दिशा की ओर दो द्वार बनाए गए हैं। केन्द्र कक्ष में हवा और रोशनी का तालमेल बिठाने के लिए रोशनदान और जालीदार खिड़कियां सजित हैं। केन्द्र कक्ष में पश्चिम की ओर एक जालीदार द्वार है। जहां से साथ लगते दो छोटे कक्षों में प्रवेश होता है। एक छोटे कक्ष में प्रवेश करने के लिए गलियारे के उत्तर दिशा की ओर भी द्वार बनाया गया और दूसरे छोटे कक्ष के प्रवेश के लिए केन्द्र कक्ष का जालीदार द्वार और दक्षिण दिशा में द्वार हैं। इनका एक-एक द्वार पश्चिम की ओर भी खुलता है। इनके साथ 16 घुमावदार सीढिय़ां है। जिनके जरिए इमारत की छत्त पर पहुंचा जा सकता है। गलियारे की छत्त पर आठ गुम्बद सजित हैं और केन्द्र कक्ष की छत्त पर छह गुम्बद हैं। जिन्हें कमल के फूल में सजाया गया है। जो मुगलकालीन, हिन्दु और ब्रिटिशशैली के घटकों का एकीकृत संयोजन है। छत्त से पूर्व, उत्तर और पश्चिम की ओर हरियाली नजर आती है। हरियाली को चीरती हुई नजर बंगला पर पहुंचती है तो दक्षिण की ओर रेलवे स्टेशन की झलक पड़ती है। (Lachhman Dost Fazilka)
"Fazilka Heritage"
Entertainment Room of the British Empire
Recreation club, built before the Oliver Garden, developed by the British officer Patrick Vans Agnew, on the side of the badha lake, north of Fazilka, was developed by Bungalow and Oliver, which is an excellent offering of British architecture. The historic building of the Saviar Kalb, decorated with handicrafts of artisans, introduces the combination of beauty in its superiority. The Recreation Club came into existence in the British Empire in 1913 AD. Its real name is The Bosworth Samith Recreation Club. The British officers had constructed this building to entertain every leader and officer who arrived in Bangla. The building is built on the base of the six-footed foundation. Which gives itself a glimpse of one being built on a high platform. The foundation of which is that the archways and walls rising from each corner give sufficient amenability to the building. This spherical building is made of thick walls. Which have been crafted with lime and snake with fixed bricks. Due to being a palanquin and spherical building, it is known more as a round kothi. Gateways in the arch contraction style have been made from north to south direction of the building. Those numbers are 18. The symbols of Vijay and Harsh are given pink color. Three straps have been made in front of the doors made of arch concrete in each panel. From where the castle enters the corridor. There are similarities in the doors leading to the main gate. The only difference is that the rest of the doors are smaller than the gateway. Any door can be reached in the corridor of the building. A pedestrian path has been built in the corridor. From where the building can travel from north to south. The special feature of the corridor is that the cold shade is enjoyed in the corridor during the winter season during the sun and summer. The cuboid chamber has been built at the center. Two gates have been made towards north and east direction. To adjust the air and light in the center room, the skylight and reticular windows are decorated. In the center room there is a forged gate towards the west. From where the two small chambers are joined with. To enter a small chamber, the gate was also made towards the north side of the corridor and for the entrance of the second small chamber, the entrance to the central chamber and the gate in the south direction. Each one of them opens to the west side too. There are 16 curved stairs with them. Through which the roof of the building can be reached. There are eight domes on the roof of the corridor and six domes on the roof of the center room. Those who have been decorated in lotus flowers. Which is an integrated combination of components of Mughal period, Hindu and British style. Before Chhatta, there is greenery towards north and west. If the sight of the greening rider arrives at the bungalow, then there is a glimpse of the railway station towards the south.
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