आज के दिन शुरू हुआ था भारत पाक युद्ध 1965
आसफवाला शहीदी स्मारक
देश प्रेम और धार्मिक आस्था का अनूठा संगम
यह न तो मंदिर है और न ही मस्जिद, गुरूद्वारा या चर्च, इसके बावजूद यहां आने वाला हर व्यक्ति श्रद्धा से शीश झुकाता है। यानि देश प्रेम और धार्मिक आस्था का प्रतीक। जी हां, हम बात कर रहे हैं फाजिल्का से सात किलोमीटर दूर पश्चिम की ओर भारत-पाक सरहद के निकट आसफवाला शहीदी स्मारक की,
जहां जहां 4 जाट बटालियन के 82 शहीदों की चिता स्थल बनाया गया है। इस स्मारक में ही फाजिल्का सेक्टर में शहीद 15 राजपूत, 3 आसाम बटालियन और 18 अश्वाराहेही सैनिक बटालियन के शहीद सैनिकों के स्मृति स्तम्भ भी सम्मिलित हैं। स्मारक देश ही एक मात्र ऐसी स्मारक है, जहां विभिन्न राज्यों के 206 शहीद जवानों की अस्थियों का समावेश किया है। यहां 1971 के शहीद जवानों की 90 फीट लंबी और 18 फीट चौड़ी चिता बनाकर संयुक्त दाह संस्कार किया गया है। इन शहीदों की बदौलत आज हम हैं और हमारा फाजिल्का है।
अब बात करते हैं 1965 के युद्ध की। 6 सितंबर की सांय राजस्थान के रास्ते से दुश्मनों की घुसपेठ रोकने के लिए भारतीय सेना ने मोर्चा संभाल रखा था। दुश्मन भारतीय इलाके में घुस आया और सेना के साथ सुलेमानकी मुख्यालय व सीमा चौकियों के अलावा काफी क्षेत्र पर भी कब्जा कर लिया।
दुश्मन ने गोलाबारी की और साबूना बांध पर हमला कर दिया। तब 14 पंजाब रेजीमेंट के जवानों ने दुश्मन को करारा जवाब दिया। जब दुश्मन गांव चाननवाला के रेलवे लाइन के साथ-साथ फाजिल्का की तरफ बढ़ा तो फिरोजपुर से आई 3/9 गोरखा राइफल की दो कंपनियों के जवानों ने दुश्मन को रोक लिया। दुश्मन ने उन पर तीन हमले किए, लेकिन सेना डटी रही और दुश्मन आगे नहीं बढ़ पाया। आखिर 23 सितंबर को युद्ध समाप्ति की घोषणा हो गई।
Lachhman Dost Fazilka
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