Dec 26, 2019

इब्बन बत्तूता ने कहा था, यहां जो शहर बसेगा, रमणीक होगा…इमारत के नाम पर बसा दिया शहर-BANGLA

किसी ने देवी देवताओं के नाम पर अपने शहर का नाम रखा तो किसी ने पीर पैगंबर के नाम परकिसी ने राजा के नाम पर तो किसी ने खुद अपने नाम परमगर यहां एक ऐसा शहर भी है जो इमारत के नाम पर बसाया गया हैवह भी दरिया के निकटएक सुंदर शहर, प्यारा और रमणीक शहरबंगलाजिस का नाम आज भी बुजुर्ग बंगला ही पुकारते हैंहैरानी इस बात की भी है कि यह शहर पहले कोई गांव नहीं था ही किसी राजा महाराजा और देवी देवता या पीर फकीर के नाम पर बसा हैसीधे ही शहर आस्तित्व में आया है।
      आज से करीब 645 साल पहले इब्बन बत्तूता यह बात बता चुके हैं कि अगर सतलुज दरिया के किनारे कोई शहर बसाया जाता है तो वह शहर बड़ा रमणीक होगाआज यह शहर रमणीक हैजिसकी महिमा दूर दराज तक हैसमय की सरकारें सियासत अगर इस शहर पर कुल्हाड़ी चलाती तो आज इस शहर को देखने के लिए दूरदराज से लोग आते
Bangla

यह एक ऐसा शहर है, जहां से भारत शुरू होता हैएक समय था, जब यह मौजूदा राज्य हरियाणा के जिला सिरसा की तसहील थी और इसकी एक सीमा राजस्थान के शहर बीकानेर एक सीमा पाकिस्तान के शहर हवेली तक लगती थी, फिर यह जिला फिरोजपुर की तहसील बनीअब यह खुद जिला है।
        इमारत के नाम पर बसा यह शहर बंगला (फाजिल्का)ब्रिटिश अधिकारियों ने बड़ी सूझबूझ से बनाया था। पहली बात, यह बंगला सुंदर और मनमोहक बाधा झील के किनारे बनाया गया, ब्रिटिश अधिकारी जानते थे कि बंगला शहर के बीचोबीच नहीं है और शहर बंगले के दूसरी तरफ नहीं बढ़ेगाइसलिए यहां शहर के बीचोबीच क्लॉक टावर बनवाया गयाजिस तरफ भी जाना होजिस शहर में भी जाना हो तो वहां से हर तरफ सडक़ निकलती हैं…(शेष अगले ब्लॉग में)
Bangla - (Fazilka )

No comments:

Post a Comment