Dec 29, 2019

Fazilka Clock Tower - बिर्मिघम से मंगवाया गया था घडिय़ाल ।


      एक वक्त था, जब शहर का समय क्लॉक टावर तय करते थे…शहर और आसपास के ग्रामीण (जहां तक क्लॉक की आवाज जाती थी) अपनी दिनचर्या निर्धारित करते थे…घडिय़ाल की घनघनाहट जब होती तो हर व्यक्ति सतर्क हो जाता…

घडिय़ाल एक एक घंटे बाद समय दोहराता है…समय जितना होता, घडिय़ाल उतनी बार बजता…यानि दस बजे तो घडिय़ाल …10 बार बजता है… 

अपनी वास्तुकला के सौंदर्य के लिए भी क्लॉक टावर मशहूर हैं…भले ही आज मोबाइल का युग है…मोबाइल ने घडिय़ों का कारोबार लगभग बंद कर दिया…घड़ी तो कम लोग ही देखते हैं…इसके बावजूद क्लॉक टावर के घडिय़ाल की आवाज कईयों को सुबह जगाती है…


फाजिल्का के घंटा घर पर जो घडिय़ाल लगाया गया है… वो इंगलैड के शहर बिर्मिघम से मंगवाया गया था।

 यह भी बता दूं कि घंटा घर को बनाने के लिए करीब तीन साल का समय लगा था और इस पर करीब 22000 रूपये खर्च हुआ था।

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