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Dec 11, 2017
To complete his hobby, Krishan Taneja (Fazilka) has collected the foreign currency
Sep 21, 2017
Beautiful painting on the trees - by lachhman Dost and his team Fazilka
कला का काफिला पहुंचा देश के आखिरी गांव
तीन तरफ से पाकिस्तान से घिरे गांव में गूंजा मोदी का स्वच्छता का नारा
दोस्त के नेतृत्व में टीम ने गांव मुहार जमशेर के सरकारी स्कूल की पेंटिंग से बदली नुहार
LACHHMAN DOST- FAZILKA
फाजिल्का/ कला का जो सफर फाजिल्का के एक मोहल्ले से शुरू हुआ था, वो अब बढ़ते बढ़ते पड़ोसी मुल्क की सरहद को छूने लगा है। भारत पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय सरहद पर स्थित तीन तरफ से पाकिस्तान और चौथी तरफ से सतलुज दरिया में घिरे गांव मुहार जमशेर के सरकारी प्राइमरी स्कूल में फाजिल्का की हरफनमौला शख्सियत लछमन दोस्त व उनकी टीम ने पीएम मोदी का स्वच्छता का संदेश अपनी मनमोहक पेंटिंग से पहुंचाया है। महज तीन दिन के अल्प समय में टीम ने स्कूल में लगे पेड़ों को मनमोहक चित्रों से सरोबार कर दिया है। इस बारे में जानकारी देते हुए स्कूल अध्यापक स्वीकार गांधी वह गौरव मदान ने बताया कि भारत पाकिस्तान सरहद पर स्थित तारबंदी के निकट इस स्कूल में फाजिल्का के इतिहासकार लछमण दोस्त के ग्रुप की ओर से 35 पेड़ों पर विभिन्न तरह की चित्रकारी और कलाकृतियां बनाई गई हैं। इससे जहां स्कूल की सुंदरता में इजाफा हुआ है, वहीं स्कूल के बच्चों को भी बहुत कुछ सीखने को मिलेगा व बच्चों के स्कूल आने की रूचि भी बढ़ेगी। उन्होंने बताया कि भारत के अंतिम छौर पर बसे गांव मुहार जमशेर के सरकारी प्राइमरी स्कूल में सीमा सुरक्षा बल के अधिकारियों व जवानों के अलावा कई बार पर्यटकों का भी आना जाना रहता है। क्योंकि यह गांव पंजाब का एक अलग गांव हैं और सरहद की जीरों लाईन पर बसा हुआ है। उन्होंने बताया कि इससे स्कूल में आने वाले बच्चों के परिजनों को भी स्वच्छता का संदेश मिलेगा। पेड़ों पर चित्रकारी कर रहे विशु तनेजा और संतोष चौधरी ने बताया कि स्कूल में पेड़ों पर राष्ट्रीय पक्षी मोर सहित तरह तरह के पक्षी, मिक्की माउस, पुस्तकें, पंैसिल सहित बच्चों के सीखने के लिए विभिन्न तरह की चित्रकारी की गई है। उन्होंने बताया कि बच्चों के लिए पेड़ों पर खिलौने, खेल और पुस्तकें आदि बनाने का मकसद है कि बच्चे उन चित्रों से कुछ सीख सकें। इससे बच्चों को जहां सीख मिलेगी, वहीं बच्चों का ध्यान सफाई की तरफ भी बढ़ेगा और वह सीखकर अपने आसपास व घरों की सफाई का खास ध्यान रखेंगे। लछमण दोस्त ने बताया कि उनके ग्रुप की तरफ से फाजिल्का को कलरफुल बनाने का सपना संजोया गया है। इसके तहत ग्रुप पहले फाजिल्का के प्रताप बाग, भारत पाकिस्तान की सादकी चौकी, फाजिल्का के पशु अस्पताल और नईं आबादी इस्लामालाद, मौजम रेलवे क्रॉसिंग और रामलीला के मैदान में पेड़ों पर रेलवे पोल व बिजली के खम्बों पर चित्रकारी की जा चुकी है।
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Art's convoy reached the last village of the country
Modi's cleanliness slogan gunga in three villages, surrounded by Pakistan
Under the leadership of the team, the team replaced the painting of the government school of village Muhar Jamsher
Fazilka / - The journey of art which started from a district of Fazilka, has now begun to touch the border of the ever increasing neighboring country. India on the Pakistan International border, on behalf of Pakistan and on the fourth side, the village of Sutlej Dariya, situated in the Government Primary School of Mashar Jamser, the all-round folklore of Fazilka, Lachman Dost and his team conveyed the message of cleanliness of PM Modi with his lovely paintings. In just a short span of three days, the team has parked trees in the school with picturesque pictures. Giving this information, Teacher Mr Savikar Gandhi and Mr GauraV Madan said that according to the group of historians Lachhman Dost, a group of paintings and art works have been made on 35 trees by Fazilka historian Lachhman Dast, near this school, near the Tarbandi on India-Pakistan border. With this, where the beauty of the school has increased, the children of the school will also learn a lot and children's interest in coming to school will also increase. He said that besides the officers and jawans of Border Security Force, there is also a visit to the government primary school of Muhar Jamsher village, situated at the last resort of India. Because this village is a separate village of Punjab and the border of the border is settled on the line. He said that this will also give the message of cleanliness to the families of children coming to school. Vishu Taneja and Santosh Chaudhary, who are painting on the trees, told that a variety of paintings have been done for the children, including national bird peacock, on trees, for learning different types of birds, mickey mouse, books, pacias. He said that it is intended for children to make toys, games and books etc. on trees that children can learn from those pictures. Where children can learn, children's attention will also increase towards cleanliness and they will learn special care of cleaning their surroundings and houses. Lachhman Dost said that the dream of making Fazilka colorful from the side of his group has been preserved. Under this, the group has already been painted on railway pole and electric poles on trees in Pratap Bagh of Fazilka, Sardaki Chowki of India Pakistan, Animal Hospital of Fazilka and new Abadi Islamamad, Mojam railway crossing and Ramlila grounds.
By- Lachhman Dost-
Aug 14, 2017
भारत पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय सरहद पर स्थित सादकी बॉर्डर (महावीर चौकी) पर स्वतंत्रता दिवस और रोजाना होने वाली रीट्रीट सैरेमनी और वहां होने वाले अन्य समारोह में पहुंचने वाले हजारों दर्शकों को इस बार पेड़ देश भक्ति का गाथा सुनाएंगे। क्योंकि सादकी बॉर्डर पर रोपित बड़े पेड़ों पर देश भक्ति की भावना भरने वाले गाथाओं के अलावा हर पेड़ पर राष्ट्रीय भावना से सबंधित सुंदर चित्र बनाए गए हैं। जिन की शुरूआत सादकी बॉर्डर से कर दी गई है। फाजिल्का शहर में 200 से अधिक पेड़ों पर सुंदर चित्रकारी बना चुके फाजिल्का के इतिहासकार लछमण दोस्त की अगवाई में सादकी बॉर्डर पर स्थित पेड़ों पर देश भक्ति से सबंधित चित्रकारी का कार्य शुरू कर दिया गया है। इस कार्य में लछमण दोस्त की टीम ने सीमा सुरक्षा बल के सहयोग से शुरू किया है। उनकी टीम में श्रीमती संतोष चौधरी, विशु तनेजा, कृष्ण तनेजा, सोनिया कंबोज, जन्नत, खुशी, तमन्ना, आयुश आदि शामिल हैं। बॉर्डर पर शुरूआत के वक्त सीमा सुरक्षा बल के अधिकारी, जवान और सी.सु.ब. के विशेष सहयोगी लीलाधर शर्मा के अलावा हैप्पी चुघ, पंकज धमीजा, हरमीत सिंह आदि मौजूद थे। जानकारी देते हुए लछमण दोस्त ने बताया कि सादकी बॉर्डर पर 15 अगस्त के दिन करीब 30 हजार दर्शक और रोजाना रीट्रीट के समय भी भारी तादाद में दर्शक पहुंचते हैं। इसके अलावा अनेक प्रदेशों से पर्यटक भी पहुंचते हैं। उन्होंने बताया कि पेड़ों पर पेंटिंग करने का उद्देश्य वहां आने वाले दर्शकों में और अधिक देश भक्ति की भावना भरना है। उन्होंने बताया कि अब दर्शकों के वहां पहुंचने पर पेड़ों लिखी देश भक्तों की गाथाओं, देश भक्ति से सबंधित चित्रों को देखकर ही उनके दिलों में देश भक्ति के प्रति अधिक जोश व उत्साह उभरेगा। उन्होंने बताया कि पेंट उपलब्ध करवाने में समाजसेवक महेश नागपाल ने सहयोग दिया है। लेखिका संतोष चौधरी व विशु तनेजा ने बताया कि पेड़ों पर भारत माता, राष्ट्रीय ध्वज, भारत का नक्शा, तीन रंगों में पक्षी आदि बनाए गए हैं। इसके अलावा देश भक्ति की भावना भरने वाले स्लोगन लिखे गए हैं। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान की तरफ से नजर आने वाले पेड़ों पर शेर के चित्र बनाए गए हैं ताकि पाकिस्तान को पता चल सके कि भारत का हर जवान शेर जैसी ताकत रखता है और भारत दुनियां का राजा बनने की भी हिम्मत रखता है। उन्होंने बताया कि पेड़ों पर फूल आदि भी बनाए गए हैं ताकि पाकिस्तान को भी पता चल सके कि भारत की खुश्बूदार मिट्टी के चलते भारत का हर व्यक्ति देश पर आने वाली हर समस्या का डटकर सामना करने की हिम्मत रखता है और वह इस खुश्बूदार मिट्टी के लिए अपनी जान तक कुर्बान करने को भी तैयार है। Lachhman Dost Fazilka
Sadeki will narrate the trees on the border
Fajilka, India, on the Pakistan-Pakistan border, on the Sardaki Border (Mahavir Chauki), will celebrate Independence Day and Daily Retreat Sareemi and thousands of other people who are attending the festival there, this time the tree will recite the saga of nation devotion. Apart from the stories that fill the feeling of patriotism on the big trees planted on the Sardaki border, beautiful scenes related to the national sentiment have been made on every tree. Those who have been started with Sadaki Border Under the leadership of Fazilka historian Lachman Dost, who has made beautiful paintings on over 200 trees in the city of Fazilka, the work of painting related to patriotism has been started on the trees situated on the Sardki border. In this work, the team of Lachhman Dost started with the help of Border Security Force. His team included Mrs. Santosh Chaudhary, Vishu Taneja, Krishna Taneja, Sonia Kamboj, Jannat, Happiness, Tamanna, Ayush etc. At the beginning of the border, officers of Border Security Force, Jawan and C. Sub. Apart from the special colleague Liladhar Sharma, Happy Chugh, Pankaj Dhamija, Harmeet Singh etc. were present. Giving information, Lakhman said that on the 15th of August on the border of Saadki, the audience reaches a huge crowd at around 30 thousand viewers and daily retreat. Apart from this, tourists also come from many states. He said that the aim of painting on trees is to fill the feeling of more patriotism in the audience coming there. He told that after seeing the audience, the trees and the images of the country's devotees, the images related to patriotism, will be more enthusiastic and enthusiasm towards the country's devotion in their hearts. He told that social worker Mahesh Nagpal has contributed in providing paints. The author Santosh Chaudhary and Vishu Taneja said that on the trees, Bharat Mata, National Flag, India map, Birds in three colors have been made etc. Apart from this, slogans who have fostered a sense of patriotism have been written. They said that pictures of lions have been made on the trees seen by Pakistan, so that Pakistan can know that every young man in India has the strength of the lion and India also has the courage to become the king of the world. They said that flowers are also made on trees so that Pakistan can also know that every person of India has the courage to face every problem that comes to the country due to the fragile clay of India and it is for this fragile soil. It is also ready to sacrifice your life. He told that the painting on the trees of patriotism will be dedicated to the audience on the auspicious occasion of Independence Day.