पाकिस्तान में मशहूर रहे गज़ल गायक और प्ले बैक सिंगर मेहंदी हसन गजलों के शौकीनों की पहली पसंद रहे हैं। हालांकि मेंहदी हसन का जन्म भारत क राजस्थान राज्य के जोधपुर जिले के गांव लूना में 18 जुलाई 1927 को हुआ था। भारत विभाजन तक वह यहां रहे, लेकिन विभाजन के बाद वह पाकिस्तान में चले गए। भले ही वह भारत में 20 साल रहे, लेकिन इस दौरान यहां उन्होंने अपनी कई खट्टी मीठी यादें छोड़ी। भारत पाक सरहद पर बसे शहर फाजिल्का में भी उनकी याद जुड़ी है। तब वह सिर्फ आठ साल के थे। जब वह अपने पिता के साथ फाजिल्का (बंगला) आए थे।
मेहंदी हसन को बचपन में ही गाने का शौंक था। उनके पिता उस्ताद अजीम खान प्रसिद्ध गायक थे। बात 1935 की है, जब वह फाजिल्का के बंगले (मौजूदा डीसी हाऊस) में अपने पिता के साथ एक प्रोग्राम करने के लिए आए थे। यह उनकी पहली प्रोफॉमेंस थी। इस दौरान मेहंदी हसन ने ध्रूप्द एवं ख्याल ताल में गज़ल गाई थी। इसका खुलासा संगीत पर पुस्तकें लिख चुके व गज़ल गायक डॉ. विजय प्रवीण ने किया है।
मेहंदी हसन के पिता राज गायक बनना चाहते थे। उन्होंने इस बारे में जिला सिरसा के डी.सी. जे.एच. ओलिवर से इस बारे में निवेदन किया था। ओलिवर उनकी प्रोफॉर्मेंस सुनना चाहते थे ताकि इस बारे फैसला लिया जा सके। इस कारण मेहंदी हसन व उनके पिता फाजिल्का आए थे। जहां उन्होंने अपना प्रोफॉर्मेंस दिया। मगर ओलिवर ने उन्हें राज गायक का खिताब नहीं दिया।
गायक मेहंदी हसन की कुछ गजलें।
जिंदगी में तो सभी प्यार करते हैं...
अब के हम बिछड़ के
न किसी की आंख का नूर
शिकवा ना कर, गिला ना कर
Eight-year-old Mehdi Hasan, D.C. Heard of ghazal
Famous singer and playback singer Mehdi Hassan, who is famous in Pakistan, has
been the first choice for Ghazals. Though Mehndi Hassan was born on July 18,
1927 in the village Luna of Jodhpur district of
Rajasthan state of India.
He stayed here till the partition of India,
but after partition he went to Pakistan.
Even though he stayed for 20 years in India, but during this time he left
his many sour sweet memories here. His memory is also included in the city of Fazilka, which is located
on the Indian border. Then he was only eight years old. When he came to Fazilka
(Bangla) with his father.
Mehndi Hassan used to sing songs in childhood. His father, Ustad Azim
Khan, was a famous singer. The matter is in 1935, when he came to a program
with his father at the bungalow (current DC house) of Fazilka. This was his
first profomenus. During this time Mehdi Hassan sang the ghazal in Dhruupad and
Khayal tal. It has been disclosed by books written by music and by ghazal
singer Dr Vijay Praveen.
Mehdi Hassan's father wanted to become a State singer. He said this
about D.C. of Sirsa district. J.H. The request was made from Oliver. Oliver
wanted to hear his perception so that the decision could be taken. For this
reason Mehndi Hasan and his father had come to Fazilka. Where he gave his
proforma. But Oliver did not give him the title of a Raj singer.
Some ghazals of singer Mehdi Hassan
Abb ke hm bichhur ke
Zindgi me to sabhi piyar karte hain. .
Na kisi kee aankh kaa noor
Shikwa naa kar, gila naa kar
(Lachhman Dost 99140-63937)