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May 26, 2019

Some such names - who have a lot of identity - are still on the same letter even today. like .........

                                                                        Know about FAZILKA 
                                     
                                 कुछ ऐसे नाम - जिन की है खूब पहचान - चिठ्ठी पत्र पर आज भी वही नाम जैसे .........
नाम होटल बाजार - होटल कितने है ? सिर्फ दो - चार ? 
नाम मेहरीआं बाजार - क्या कभी देखा है वहां मेहरीआं को ?

नाम - डेड हाउस रोड - इस का मतलब तो समझते होंगे आप ?
नाम- वान बाजार - कहाँ है वान की दूकान ?

नाम - वूल मार्किट - कहाँ है वूल ?   
 नाम - मुलतानी चुंगी - जहाँ चुंगी नहीं काटी जाती ?

नाम- बीकानेरी रोड , बठिंडा रोड, और भी कई अनूठे नाम हैं बॉस !

क्यों ? हैं ना अनूठे नाम - फिर भी है इन की पहचान - बॉस - यही तो है मेरे फाजिल्का की पहचान !(LACHHMAN DOST)

Know about FAZILKA

Some such names - who have a lot of identity - are still on the same letter even today.

like .........

Name Hotel Market - How much is the hotel? Only two - four?

Name Mehari Bazar - What have you ever seen there?

Name - Dead House Road - What do you mean by this?

Name-Van Bazar - Where is the Van Shop?

Name - Wool Market - Where is Wool?

Name - Multani Chungi - Where Do Taxes Not Cut?

Name: Bikaneri Road, Bathinda Road, and many other unique names are Boss!

Why? There is no unique name - yet the identity of these - boss - that is the identity of my Fazilka!
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May 24, 2019

Village Jandwala mira Sangla (Fazilka)

Village Jandwala mira Sangla (Fazilka)
photo 1930- right side Hagi bahawal khan Kuria zaildar-thx mahmood alam kuria
                                                    Village Jandwala mira Sangla (Fazilka)
                                               ਬੜੀ ਮਜੇਦਾਰ ਕਹਾਣੀ ਹੈ ਪਿੰਡ ਜੰਡ ਵਾਲਾ ਮੀਰਾ ਸਾਂਗਲਾ ਦੀ 
ਹਾਜੀ ਵਾਗੂ ਖਾਨ ਕੁਰੀਆ ਨੇ ਤਹਿਸੀਲਦਾਰ ਤੋਂ ਅਲਾਟ ਕਰਵਾਇਆ ਸੀ ਪਿੰਡ 
ਉਸ ਦੇ ਪੁੱਤਰ ਮੀਆਂ ਬਹਾਵਲ ਖਾਨ ਕੁਰੀਆ ਜੈਲਦਾਰ ਸੀ ਤੇ ਦੂਜਾ ਮੀਆਂ ਮੁਹਮੰਦ ਖਾਨ ਕੁਰੀਆ ਸੀ - ਮੀਆਂ ਬਹਾਵਲ ਖਾਨ ਕੁਰੀਆ ਜੈਲਦਾਰ ਦੇ ਤਿਨ ਪੁੱਤਰ ਤੇ ਮੀਆਂ ਮੁਹਮੰਦ ਖਾਨ ਕੁਰੀਆ ਦੇ ਵੀ ਤਿਨ ਪੁੱਤਰ ਸਨ - ਇਹਨਾਂ ਵਿੱਚੋ ਇਕ ਮੀਆਂ ਅਲਾਹ ਬਕਸ਼ ਜੈਲਦਾਰ ਸੀ ਤੇ ਸਰਕਾਰ ਦਰਬਾਰੇ ਬਹੁਤ ਕੱਮ ਕਰਾਉਂਦਾ ਸੀ ਉਹਨਾਂ ਨੇ ਹੀ ਓਥੇ ਅਕਬਰ ਪੁੱਲ ਬਣਵਾਇਆ ਸੀ
Ik mazedaar kahani - Hagi Waggu khan kuria ne tehsildaar to alaot karwaya see pind - us de putter mian Bahawal khan kuria Jaildar see te dusra putter mian mohammad khan kuria - mian Bahawal khan kuria de three bete - te mian mohammad khan kuria de tin (Three) bete sn- ehna vichon ik mian Alah Baksh jaildaar seee te sarkare darbare bahut kamm karanunde sn- ohna ne hee othe Akbar pul banwaya see --Lachhman Dost-
-
Story with Thx Ex sarpanch Mr. Ravinder kumar
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Mar 12, 2019

Fazilka Nager Council Awarded Best Performance Award

फाजिल्का नगर कौंसिल बैस्ट पर्फोर्मंस अवार्ड से सम्मानित
पंजाब में दूसरा और फिरोजपुर रीजन में पहला व नार्थ जोन में पांचवां स्थान हासिल करने पर डिप्टी डायरैक्टर ने दिया सम्मान
फाजिल्का, 12 मार्च: स्वच्छ सर्वेक्षण-2019 दौरान पंजाब में दूसरा स्थान हासिल करने पर फाजिल्का नगर कौंसिल की टीम को फिरोजपुर में बैस्ट पर्फोर्मंस अवार्ड और प्रशंसा पत्र से सम्मानित किया गया। यह सम्मान नगर कौंसिल के ई.ओ. सुखदेव सिंह, सैनेटरी इंस्पैक्टर नरेश खेड़ा, सैनेटरी इंस्पैक्टर जगदीप अरोड़ा ने फिरोजपुर पहुंचकर डिप्टी डायरैक्टर कार्यालय में डिप्टी डायरैक्टर से हासिल किया।

जानकारी देते हुए सैनेटरी इंस्पैक्टर नरेश खेड़ा व जगदीप अरोड़ा ने बताया कि फाजिल्का नगर कौंसिल के ई.ओ. सुखदेव सिंह की अगवाई में कौंसिल ने स्वच्छ भारत टीम व समाजसेवी संस्थाओं से मिलकर शहर में लोगों को जागरूक किया और शहर को स्वच्छ रखने में कामयाब हुए हैं। उन्होंने बताया कि फिरोजपुर रीजन में नगर कौंसिल फाजिल्का का पहला स्थान हासिल किया है।

जबकि पंजाब की 151 यू.एल.बी. में दूसरा स्थान और नार्थ जोन (पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्म और कशमीर) 1013 यू.एल.बी. में पांचवां हासिल किया। इसके चलते फाजिल्का नगर कौंसिल को स्थानीय सरकार के डिप्टी डायरैक्टर की तरफ से सम्मानित किया गया। उन्होंने बताया कि फाजिल्का को स्वच्छ रखने में नगर कौंसिल के कर्मचारियों के अलावा शहर की समाजसेवी संस्थाओं और शहरवासियों को पूरा सहयोग रहा है। -LACHHMAN DOST- FAZILKA

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Mar 11, 2019

तनेजा संगीत कला केन्द्र फाजिल्का में गायक सोनू संजीव का नया गीत चिट्टे दिन रिलीजSinger Sonu Sanjeev's new song in Taneja Music Arts Center Fazilka releases Chitte dinn

तनेजा संगीत कला केन्द्र फाजिल्का में गायक सोनू संजीव का नया गीत चिट्टे दिन रिलीज
फाजिल्का, 11 मार्च: पंजाबी गायक सोनू संजीव का नया गीत चिट्टे दिन स्थानीय तनेजा संगीत कला केन्द्र फाजिल्का में उस्ताद गायक बलदेव शर्मा, मनजिन्द्र तनेजा, हरभजन लाल ढोट, सुखविन्द्र थिन्द और राजिन्द्र कुमार द्वारा संयुक्त रूप से रिलीज किया गया। इस गीत सबंधी जानकारी देते हुए कृष्ण तनेजा ने बताया कि इस गीत का संगीत गैरी म्यूजिक व गीत के बोल राज फाजिल्का ने लिखे हैं। उन्होंने बताया कि गीत का वीडियो सनम बजाज ने तैयार किया है। जिसमें गोल्डी गावड़ी, संजीव पनियारी, लवजोत सिंह, कर्मजीत सिंह ने मॉडलिंग करके अपनी कला का बेहतरीन प्रदर्शन किया है। 

इस गीत के रिलीज के अवसर पर गायक एम. राज ढिल्लों, युवराज युवी, हैप्पी डिलाइट, अनिरूद्ध शर्मा, हंस वेद ने संगीतमय कार्यक्रम भी पेश किया। इस अवसर पर सूरज ठकराल, गैरी कटारिया, सूरज, सुभम, कुलविन्द्र ङ्क्षसह, गौरव चौधरी, नीरज बब्बर, हंस साब, गोपी अटवाल, कुनाल सेठी, रोमन कंबोज व भावुक आदि मौजूद थे। LACHHMAN DOST-FAZILKA


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Jan 15, 2019

सवेरा फाउंडेशन ने बच्चों में गर्म वस्त्र बांटकर मनाया लोहड़ी पर्व
भाईचारे व पवित्रता का प्रतीक है लोहड़ी पर्व: अतुल नागपाल

फाजिल्का, 14 जनवरी: स्थानीय इन्दिरा नगरी में लोहड़ी पर्व उत्साह व धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर सवेरा फाउंडेशन के संस्थापक अतुल नागपाल ने बतौर मुख्यातिथि के रूप में शिरकत की। इस मौके पर उन्होंने बच्चों में गर्म वस्त्र बांटे। उन्होंने कहा कि सवेरा फाउंडेशन का उद्देश्य है कि हर जरूरतमंद व्यक्ति की मदद की जाए। उन्होंने कहा कि लोहड़ी एक पवित्र व भाईचारे का प्रतीक पर्व है। इस लिए वह बच्चों में गर्म वस्त्र बांटकर उनके साथ अपने प्यार व भाईचारे को कायम रख रहे हैं। 
 अपने संबोधन में अतुल नागपाल ने आगे कहा कि परंपरिक तौर पर लोहड़ी फसल की बुआई और उसकी कटाई से जुड़ा एक विशेष पर्व है। लोहड़ी की अग्रि में रबि की फसल तिल, रेवड़ी, मूंगफली, गुड़ व गजक को अर्पित किया जाता है। मान्यताओं के अनुसार इस तरह सूर्य देव व अग्रि देव के प्रति आभार प्रकट किया जाता है, क्योंकि उनकी कृपा से फसल अच्छी होती है। उन्होंने बताया कि पौराणिक कथा अनुसार लोहड़ी का सबंध माता सती से भी है। इसके अलावा उन्होंने लोहड़ी पर्व मनाने के पीछे लोहड़ी और होलिका दोनों बहनों की कथा के बारे में भी बताया। उन्होंने बताया कि इस पर्व से संबंधित दुल्ला भट्टी के बारे में भी जानकारी दी। इस मौके पर अशोक चुचरा, प्रदीप शर्मा मिन्टा, संजय मदान, अजय नागपाल, प्रवीण भारद्वाज, सतीश चुघ और दया नंद आदि मौजूद थे।
Savera Foundation celebrated Lohri festival by distributing hot clothes in children
Lohri festival symbolizes brotherhood and sanctity: Atul Nagpal
Fazilka, 14 January: Lohri festival was celebrated with enthusiasm and pomp in local Indira Nagar. On this occasion, Atru Nagpal, founder of Savera Foundation, joined as the chief guest. On this occasion, he distributed warm clothes in children. He said that the purpose of the Savera Foundation is to help all the needy persons. He said that Lohri is a sacred festival and a symbol of brother-in-law. Therefore, he is maintaining his love and brotherhood with them by distributing hot clothes in children.
 In his address, Atul Nagpal further said that there is a special festival associated with sowing and harvesting of Lohri crop. In the Lohri fire, Rabi crop is offered to sesame, riwadi, peanuts, jaggery and gajak. According to the beliefs, such gratitude is expressed to Sun God and Agreed Dev, because the crop is good because of His grace. He said that according to legend, Lohri's mother also belongs to Sati. Apart from this, he also told about the story of both Lohri and Holika sisters behind Lohri festival. He also informed that about the festival of Dula Bhatti related to this festival. Ashok Chuchra, Pradeep Sharma Minta, Sanjay Madan, Ajay Nagpal, Pravin Bhardwaj, Satish Chugh and Daya Nand were present on this occasion

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Dec 1, 2018

B.S,F, Raising Day - Mithai to banti hai Boss !

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Nov 30, 2018

Know about Fazilka

Fazilka Ek Mahagatha
Clock Tower Fazilka
-फाजिल्का बसने से पूर्व बहावलपुर और ममदोट के नवाबों ने यहां कुछ छोटे - छोटे किले बनवाए , मगर उन की सरहदें सही ढंग से नहीं थी जब वट्टु और बहक परगना का आगमन हुआ तो उन्होंने सरहदें निर्धारित कर ली, 
- 1844 में ब्रिटिश अधिकारिओं ने बहावलपुर के नवाबों से जगह का आदान प्रदान कर लिया और इस के बदले नवाबों को सिंध प्रान्त से कुछ जगह दे दी 
-नवंबर 1884 में जब सिरसा जिले के दो हिस्से हुए तब पच्छिम का आधा हिस्सा फाजिल्का तहसील का था और 40 गावं डबवाली तहसील के थे जो फिरोजपुर के साथ जोड़े गए.
Fazilka Ek Mahagatha
Before the settlement of Fazilka, the Nawabs of Bahawalpur and Mammadot built some small fortresses here, but their frontiers were not right when Wattu and Behak Pargana arrived, they set boundaries,
- In 1844, British officials exchanged space with the Nawabs of Bahawalpur and in exchange for this, the Nawabs gave some place from Sindh province

In November 1884, when Sirsa district had two parts, half of the western part was of Fazilka tahsil and 40 villages were of Dabwali tehsil, which were connected with Ferozepur.
---------------------------LACHHMAN DOST FAZILKA-----------------------------
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Nov 22, 2018

Shri Guru Nanak Dev Ji -ਜਿਥੇ ਪਏ ਚਰਨ ਗੁਰਾਂ ਦੇ - ਉਹ ਧਰਤੀ ਪਵਿੱਤਰ ਹੁੰਦੀ ਗਈ -- ਵਾਹਿਗੁਰੂ - ਸਭ ਦਾ ਭਲਾ ਕਰੀਂ -

Shri Guru Nanak Dev Ji
ਜਿਥੇ ਪਏ ਚਰਨ ਗੁਰਾਂ ਦੇ - ਉਹ ਧਰਤੀ ਪਵਿੱਤਰ ਹੁੰਦੀ ਗਈ -- ਵਾਹਿਗੁਰੂ - ਸਭ ਦਾ ਭਲਾ ਕਰੀਂ -

GURUDWARA SHRI BADTIRATH SAHIB

 is situated in Village Haripura Teh Abohar, Distt Fazilka. This village is situated on Abohar - Sri Ganganagar Road. This Gurudwara Sahib is related to SHRI GURU NANAK DEV JI 

andSHRI GURU GOBIND SINGH JI.SHRI GURU NANAK DEV JI came here while on his Fourth Udasi. When GURU SAHIB asked people of any problem, People told GURU SAHIB that there is demon, Who used to burn there houses. GURU SAHIB blessed people not to worry. By a chance demon also came there. When he faced GURU SAHIB he fell on ground and was unconscious. GURU SAHIB touched him with his feet. Demon requested GURU SAHIB to free him from cycle of life and death.SHRI GURU GOBIND SINGH JI came here while coming from Mukatsar. From here GURU SAHIB left for Damdama Sahib Talwandi Sabo.





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Nov 19, 2018

Fazilka da Tosha

Fazilka da Tosha 
                                       


Fazilka (Punjab), (ANI): Tosha, a traditional Punjabi sweetmeat, has been a favorite with both Indians and Pakistanis for generations, and the small Punjabi border town of Fazilka has acquired fame for making this sweetmeat so popular.
"Tosha" in the regional Punjabi language means happiness and satisfaction. In Fazilka, ass many as 45 large and small units churn out this delicacy.Traders and manufactures of this delicacy feel Tosha has improved its taste and even its appeal since it was brought to India by their ancestors."Earlier it was Pakistan's favourite sweet. After the partition of India, our fathers migrated from Pakistan and started making 'Tosha' in Fazilka. In Pakistan, the manufacturers do not use Khoya (or, dried milk) and cottage cheese. Here we use cottage cheese because it makes the sweet softer and tastier. It is no longer black, but golden brown. Even the taste is much better," says Daulat Ram, a manufacturer.The residents here gift "Tosha" to their loved ones, while visitors take it away as gift to remember Fazilka. A kilogram of "Tosha" costs about 1.5 dollars and can be safely consumed for at least five days. The big anufacturers even supply the sweets to many in \nIndia and even abroad. Many residents living in Fazilka have developed a strong liking for this sweet. They don't hesitate traveling long distances to grab a bite of it. Some say that it is a symbol of friendship between the two sub continental neighbours. "I have traveled to different parts of the country - Delhi, Mumbai, Bangalore and Goa, but I have never found such sweet anywhere. We prefer to gift 'tosha' to our guests. The best thing about "Tosha" is that it is a symbol of friendship between India and Pakistan," said, Manish Bhateja, a customer. Relations between the two neighbours has warmed in the last 20 months Experts believe that apart from the efforts made by both the governments to speed up the peace initiative, cultural and people to people ties can bring out a new dimension to the relation. (ANI)
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Nov 8, 2018

फाजिल्का से सरहद तक

फाजिल्का से सरहद तक, जगमग, जगमग सिर्फ जगमग 
त्यौहार है - फिर मिठाई तो बनती है बॉस ! 
Fazilka se Sarhad tak - jagmag 

Dipawli Festival - then the sweet makes the boss!


From- Lachhman Dost Fazilka



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Oct 30, 2018

फाजिल्का के मुलाजिम नेता सतीश वर्मा के सुपुत्र व पटियाला के मल्टीपर्पज सीनियर सैकेंडरी स्कूल के विद्यार्थी रवित वर्मा राष्ट्रीय क्रिकेट मुकाबले में चयनित

फाजिल्का: लुधियाना में आशीर्वाद सेवा संस्थान की ओर से इंटरनैशनल पब्लिक स्कूल सिविल सिटी लुधियाना ेमं एक दिसम्बर 2018 से गोवा में शुरू हो रहे नैशनल स्तरीय क्रिकेट मुकाबलों के लिए खिलाडिय़ों के ट्रायल लिए गए। जिन में जूनियर व सीनियर वर्ग के लिए गए ट्रायल में पंजाब के विभिन्न हिस्सों से खिलाडिय़ों ने हिस्सा लिया। इस मौके पर संस्था के राष्ट्रीय सचिव डी.के. गौतम ने विशेष रूप से टीम सिलैक्शन में भाग यिा। इसके अलावा प्रदेशाध्यक्ष एस.के. वर्मा, लुधियाना से उपाध्यक्ष जतिन्द्र नोनू, पंजाब के महासचिव हरप्रीत सिंह, अमृतसर के कोच लक्षमी राम, लुधियाना के कोच रवि कुमार, संदीप सिंह, सिलैक्शन कमेटी के सदस्यों ने अपनी सेवाएं दी। इस ट्रायल में अनेक कुशल खिलाडिय़ों का चयन किया गया। जो नैशनल लेवल मुकाबलों के लिए वायु मार्ग से एक दिसम्बर को गोवा जाकर साप्ताहिक आयोजन में भाग लेंगे।इस आयोजन में फाजिल्का के युवा खिलाडी रवित वर्मा पुत्र सतीश वर्मा (मुलाजिम नेता) को भी उनके सराहनीय प्रदर्शन के बल पर चुना गया है। इसके चलते वर्मा राष्ट्रीय टीम में खेलने वाले फाजिल्का में सबसे छोटी आयु के पहले खिलाड़ी बन गए हैं। आने वाले दिनों में पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, दिल्ली व गोवा में और भी ट्रायल लिए जाएंगे। सभी राज्य की एक एक टीम बनाकर गोवा इवैंट में भाग लेने के लिए दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटर नैशनल एयरपोर्ट से गोवा रवाना होगी। लुधियाना ट्रायल आयोजन में कौंसलर बलजिन्द्र संधू, मनु, सैम वर्मा, शम्मी, गगन, हरप्रीत सिंह, दीपक अमृतसर ने सहयोग दिया। 

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Oct 26, 2018

बिर्मिंघम से मंगवाया गया था फाजिल्का के क्लॉक टॉवर का क्लॉक !Clock Tower of Fazilka's clock was arranged from Birmingham !

बिर्मिंघम से मंगवाया गया था फाजिल्का के क्लॉक टॉवर का क्लॉक  !
Clock Tower of Fazilka's clock was arranged from Birmingham !



Lachhman Dost Fazilka


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Oct 2, 2018

Om Press and Ram Press Fazilka

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Om Press and Ram Press
In the early twentieth century, trade of wool and cotton was on puberty in Fazilka area. The point is 1911-12. When Fazilka opened a factory under the name of Om Press Company. In which the work of tying wool was made. After this, the Ram Press was established in 1913. Here the account was used in Dev-Nagari. Fazilka's wool market was well-known in Asia, but due to adverse conditions in 1920, traders suffered more than millions of lives. Because the wool in Liverpool was sold at auction in December 1916 for 35 paisa per ralph. In the sale of 1920, his price remained 16 penny. Along with that, the price of the bill of luxury was changed too. On February 13, 1920, its price was 2 shilling 10/1 paani, which became a shilling 6/18 on December 28, 1920. That is why traders suffered more than Rs 50 lakh. An article was also published in this regard on January 16, 1921 in Lahore's daily newspaper 'Desh'. After this, there was a loss in this trade once again in 1931.
-Lachhman Dost Fazilka-
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