एक वक्त था, जब शहर का समय क्लॉक टावर तय करते थे…शहर और आसपास के ग्रामीण (जहां तक क्लॉक की आवाज जाती थी) अपनी दिनचर्या निर्धारित करते थे…घडिय़ाल की घनघनाहट जब होती तो हर व्यक्ति सतर्क हो जाता…
घडिय़ाल एक एक घंटे बाद समय दोहराता है…समय जितना होता, घडिय़ाल उतनी बार बजता…यानि दस बजे तो घडिय़ाल …10 बार बजता है…
अपनी वास्तुकला के सौंदर्य के लिए भी क्लॉक टावर मशहूर हैं…भले ही आज मोबाइल का युग है…मोबाइल ने घडिय़ों का कारोबार लगभग बंद कर दिया…घड़ी तो कम लोग ही देखते हैं…इसके बावजूद क्लॉक टावर के घडिय़ाल की आवाज कईयों को सुबह जगाती है…
फाजिल्का सरहदी क्षेत्र जरूर है, लेकिन सियासत में पीछे नहीं है…इस क्षेत्र की मिट्टी ने देश को कई सियासतदान दिए हैं…उनमें ch.Wadhawa Ram का रिकॉर्ड है कि वह देश के विभाजन के बाद प्रथम विधायक तो बने ही, साथ में उन्होंने जेल में ही विधानसभा चुनाव जीतकर रिकॉर्ड भी बनाया…इसके अलावा फाजिल्का विधानसभा हलके ने पंजाब सरकार को कई मंत्री भी दिए…इनके बारे में ब्लाग में लिखा जाएगा…फाजिल्का की धरती पर प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, श्रीमति इन्दिरा गांधी ने भी कदम रखा…मौजूदा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब आर.एस.एस. के प्रचारक थे तो वह कई बार इस इलाके में आए…प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू अबोहर आए… सियासत के इन महारथियों की एक कहानी…तस्वीरों की जुबानी।
देश के प्रधानमंत्री रहे श्री अटल बिहारी वाजपेयी की (1977) फाजिल्का में यह यादगार तस्वीरें।
Ex PM Sh. Atal Bihari Vajpai in Fazilka 1977
फाजिल्का में टी.वी. टावर लगाने के लिए देश के प्रधानमंत्री श्री राजीव गांधी से मिले पत्रकार लीलाधर शर्मा, धर्म लूना व अन्य।
Mr. Leela Dhar Sharma and Mr Dharm Loona with Ex PM Mr Rajiv Gandhi
लोकसभा स्पीकर चौधरी बलराम जाखड़ फाजिल्का में एक यादगार तस्वीर
A memorable photo- Lok Sabha Speaker Chaudhary Balram Jakhar in Fazilka
Congress Leader जगमीत सिंह बराड़ के पिता स. गुरमीत सिंह बराड़ फाजिल्का में, शर्मा व अन्य। Ms. Uma Sharma (RETIRED AS DEPUTY DIRECTOR PUBLIC RELATIONS PUNJAB) साथ हैं के पिता व स्वतंत्रता सैनानी डा. गोबिन्द राम
This Historical Photo Is Of Abohar. (Distt FAZILKA) Pandit Jawahar Lal Nehru Visited Abohar Before Independence, On The back Side Of ‘State Bank Of India’ Abohar. Late Sh. Chandi Ram Verma Freedom Fighter from Abohar Sitting On The Stage. with Thx- https://www.facebook.com/AboharCity/
झील का मनमोहक नजारा…कोयल की मीठी आवाज…झूमते मोर…फलों व फूलों की खुश्बू…मदमस्त हवा…यह सब बंगले के आसपास हो तो हर कोई चाहेगा कि इस बंगले में ही रहा जाए…ब्रिटिश कलाकृति से सजा-संवरा बंगला खुद ही इंसान को आकषित कर रहा था…उस बंगले का निर्माणकर्ता भी युवा था…पैट्रिक एलैगजैंडर वन्स एगन्यू…सिर्फ 22 साल का था…ब्रिटिश सरकार ने उसे बंगले (फाजिल्का) का चार्ज दिया हुआ था।
उसकी सोच ही ऐसी थी…कहां बसना है…किन लोगों से मिलना है…सियासी अफसर भी था वो…पंजाबी भी जानता था…भटियाना (अब सिरसा) में बतौर सहायक सुपरीटेडैंट था…डयूटी बंगले में थी…शहर बसाना…शहरों को आबाद करना उनका मनपसंद काम था…उसने बहावलपुर के नवाब मुहम्मद बहावल खान तृतीय से जगह ली और बाधा झील किनारे बंगले का निर्माण करवाया…न्याय पसंद अधिकारी था…बंगले में ही न्याय करता…बिलकुल सही न्याय…आजकल क तरह देर से नही…तुरंत फैसला…दूर दराज तक का क्षेत्र था…इसलिए दूर दूर तक बंगले की धूम थी…बंगला नाम प्रसिद्ध हो गया…कस्बा बन गया…हरेक व्यक्ति की जुबान पर बंगला…तकरीबन एक साल में ही युवा वंस एगन्यू का बंगला हरेक का प्यारा बन गया।
सिरसा से लेकर मुलतान के बीच बंगला सैंटर प्लेस था…जो भी ब्रिटिश अधिकारी इस रास्ते से गुजरता…वो इस बंगले में जरूर पहुंचता… सिरसा के अलावा मालवा, सतलुज राज्य की बैठकें यहां होने लगी…इस बंगले में तैनात वंस एगन्यू को 13 दिसम्बर 1845 को फिरोजपुर का चार्ज भी दे दिया गया…इसके बाद 23 फरवरी 1846 को उनका तबादला लाहौर कर दिया गया…उनके स्थान पर बंगले में J.H.Oliver की तैनाती की गई…उन्होंने बंगले को और निखारा…बंगले के साथ गार्डन बनाया…जिसका नाम ओलिवर गार्डन रखा गया।
Mehndi Hassan
यह वही बंगला है…जहां पाकिस्तान में सुप्रसिद्ध रहे गजल गायक मेहंदी हसन जब सिर्फ आठ साल के थे…उस समय वह अपने परिवार के साथ राजस्थान में रहते थे…वह यहां अपने पिता अजीम खान के साथ आए थे…बात 1935 की है…उसके पंजाब के राज गायक के लिए मुकाबला था…उस मुकाबले में हिस्सा लेने के लिए अजीम खान भी आए थे…मेहंदी हसन साथा थे…ध्रुप्द एवं ख्याल ताल में जब मेहंदी हसन ने पहली प्रोफार्मेंस दी तो तालियों की गंूज ने बता दिया था कि मेहंदी हसन किसी समय में दुनिया का प्रसिद्ध गजल गायक बनेगा…वही हुआ। Lachhman Dost (Whatsup no) 99140-63937