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Jul 15, 2018
Jul 14, 2018
173-years-old Seth Shopat Rai Haveli Fazilka
ओल्ड लुक से पुन: संवरी 173 साल पुरानी सेठ शौपत राय हवेली
HAVELI - Rai Sahab Seth Sheopat Rai Periwal Fazilka |
Main Gate |
2nd Gate |
charitable work
Jul 12, 2018
Do you Know ?
One of the biggest Hindi
film hits in its decade "Anarkali", a 1953 Hindi historical drama
based on the historical legend of the Mughal emperor Jahangir was the first
movie released in "Raja Cinema, Fazilka" on 24th July 1953.
Raja Cinema Fazilka |
Sanjeev Cinema Fazilka |
बार एसोसिएशन का गठन 1930
मुंशी राम चैरीटेबल ट्रस्ट 20 फरवरी 1937
दी आजाद हिन्द रामलीला सोसायटी स्थापित वर्ष 1943
दी फजिल्का को ऑपरेटिव मार्किटिंग सोसायटी फाजिल्का दो नवंबर 1954
कॉटन मिल मजदूर यूनियन 25 अगस्त 1967
फाजिल्का सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक इम्प्लाइज यूनियन 01 मार्च 1973
बिस्कुट बेकरी वर्कस यूनियन 07 नवंबर 1973
सफाई कर्मचारी यूनियन 09 सिंतंबर 1974
जिला फिरोजपुर कॉटन एंड जिनिंग मिल मजदूर यूनियन 14 अप्रैल 1975
-LACHHMAN DOST- FAZILKA-
Jul 11, 2018
फाजिल्का, 11 जुलाई:
बंगला के निर्माण से 41 साल पहले फाजिल्का आए थे दौलत राव सिंधिया
दि पंजाब, नार्थं-वेस्ट फरांटियर प्रॉविन्स एंड कश्मीर से हुआ खुलासा
लछमण दोस्त
हलांकि बंगला (फाजिल्का) का इतिहास 1844 से शुरू हुआ माना जा रहा है। जबकि इसका इतिहास इससे भी काफी पुराना है। इसका खुलासा 1916 में ब्रिटिश अधिकारी डॉवी की ओर से लिखी गई पुस्तक दि पंजाब, नाथ-वेस्ट फरांटियर प्रॉविन्स एंड कश्मीर से हुआ है। जिसमें बताया गया है कि दौलत राव सिंधिया बंगले के निर्माण से 41 वर्ष पहले फाजिल्का पहुंचा था। उस समय यहां सतलुज दरिया था और आसपास जंगल ही जंगल थे। मगर इस बीच कुछ गांव भी बस चुके थे।
1803 में आया था सिंधिया
जेम्स डॉवी ने पुस्तक में लिखा है कि ब्रिटिश अधिकारी वेलेस्ले के मार्की ने भारत में सुप्रीत पॉवर बनने की सोची। उधर नेपोलियन ने भी भारत पर हमला करने की सोची हुई थी। इधर पंजाब में दौलत राव सिंधिया ने हमला कर दिया, लेकिन वह नाकाम रहा। इसके बाद वह 1803 में फाजिल्का (यह नाम बाद में रखा गया है) पहुंचा और यहां से दिल्ली के लिए कूच किया। पुस्तक में लिखा गया है कि उस समय फाजिल्का पर किसी का कंट्रोल नहीं था।
ओलिवर भी आया था
नंबरदार मिया फ’जल खां वट्टू से 144 रूपये 8 आन्ने में भूमि खरीदकर फाजिल्का शहर बसाने वाला ब्रिटिश अधिकारी फाजिल्का के लिए विकास दूत व प्रभावशाली अधिकारी माना जाता था। शहर के बीचो बीच ओलिवर गंज मार्केट (मेहरियां बाजार) का निर्माण करवाना वाला ओलिवर जिला सिरसा में कस्टम अधिकारी था। हिस्टरी ऑफ सिरसा टाऊन में लेखक जुगल किशोर गुप्ता ने ओलिवर के हवाले से लिखा है कि उस वक्त फाजिल्का में क्षेत्र सुरक्षित नहीं था। यहां से गुजरना खतरे से खाली नहीं था। चोर, डाकू, शेर और सांप जैसे जंगली जानवारों का खौफ था। मलोट रोड और फिरोजपुर रोड पर लोग टोलियां बनाकर गुजरते थे। उस समय बंगले का निर्माण नहीं हुआ था।
बहावलपुर के नवाबों ने किया कंट्रोल
बंगले के निर्माण से पहले यहां बहावलपुर के राजाओं अपना कंट्रोल जमा लिया। ब्रिटिश अधिकारी वंस एगन्यू जब फाजिल्का पहुंचा तो उससे बहावलपुर के नवाब मुहम्मद बहावल खान से जगह ली और हॉर्स शू लेक किनारे बंगले का निर्माण किया। जहां लोग न्याय पाते थे। इस बंगले के कारण फाजिल्का का नाम बंगला पड़ गया।
फाजिल्का में नहीं थी पुलिस पोस्ट
ओलिवर जिला भटियाणा (सिरसा) के सहायक अधिक्षक बने और उनकी फाजिल्का में 1846 में तैनाती की गई। तब फाजिल्का, अरनीवाला और अबोहर तहसील में पुलिस पोस्ट खाली थी। अरनीवाला-जोधका में एक कस्टम पोस्ट थी। ओलिवर ने भूमि खरीदकर फाजिल्का शहर बसाया। 1857 में भारत की आजादी के लिए चले आंदोलन को फाजिल्का में ओलिवर ने ही दबाया था।
बीकानेर के महाराजा से संबंध
ओलिवर के बीकानेर के महाराजा से अ‘छे संबंध हैं। इस बात का पता बीकानेर के राजा की ओर से ओलिवर को लिखे गए पत्रों से इसका खुलासा हुआ है।
From the window of history
Daulat Rao Scindia came to Fazilka 41 years ago by building Bangla
Revealed from The Punjab, North-West Frontier Province and Kashmir
- Lachhman Dost -
However, history of Bangla (Fazilka) is believed to have started from 1844. While its history is much older than this. The disclosure was made in 1916 by the British official Dovi, a book written by The Punjab, Nath-West Frontier Province and Kashmir. It has been said that Daulat Rao reached Phazilka 41 years ago by building the Scindia bungalow. At that time, there was Sutlej Darya and surrounding forest itself was forest. But in the meantime some villages had settled.
Sindhia came in 1803
In the book, James Dowie wrote that the British officer Wellesley's Marquee thought to be the most powerful power in India. On the other hand, Napoleon had even thought of attacking India. Daulat Rao Scindia attacked here in Punjab, but he failed. After this he reached Phazilka in 1803 (this name was later placed) and traveled to Delhi from here. It has been written in the book that there was no control over Phazilka at that time.
Oliver also came
144,000 from Namdhari Mia Fajjal Kha Watu 8 was considered as a development ambassador and influential officer for Fazilka, a British officer who settled down the city of Phazilka by purchasing land. Oliver district, who was the builder of the Olive Ganj Market (Mehriya Bazaar) in the heart of the city, was a custom officer in Sirsa. Writer Jugal Kishore Gupta in History of Sirsa Town, quoted Oliver, that the area was not safe in Phazilka at that time. Passing through here was not empty from danger. There was a fear of wild boar like thieves, robbers, lions and snakes. People used to make trolley on Malhot Road and Ferozepur road. At that time the bungalow was not built.
Bahawalpur's Nawabs did control
Before the construction of the bungalow, the kings of Bahawalpur got their control here. When the British officer Van Agnew reached Fazilka, he took the place from Bahawalpur's Nawab Muhammad Bahawal Khan and built a bungalow on horse shoe lake. Where people found justice Due to this bungalow, the name of phazilka got bungalow.
Fazilka did not have police post
Olivar became assistant superintendent of Bhatiya (Sirsa) district and his deployment was done in Fazilka in 1846. Then the police post was empty in Fazilka, Arniwala and Abohar tehsil. There was a custom post in Arniwala-Jodhka. Oliver bought the land and built the city of Fazilka. In 1857 Oliver had pressed the movement for India's independence in Phazilka.
Relationship to Maharaja of Bikaner
Olivar has some relation with the Maharaja of Bikaner. This has been revealed to the letter written by Oliver to the King of Bikaner
1- पाकिस्तान के पाकपटन जिला में सरकारी फाजिल्का इस्लामिया हाई स्कूल है। जो 1953 में बनाया गया। स्कूल 19 केनाल में फैला हुआ है।
1- Government Fazilka Islamia High School in Pakistan's Pakpatan district. Which was built in 1953. The school is spread over 19 canal.
2- फाजिल्का में 1846 में पुलिस स्टेशन बनाया गया। जिसमें सहायक कमिश्नर तैनात किया गया। इस दौरान ही कोर्ट हाऊस स्थापित किया गया।
2- Police station was built in Fazilka in 1846. In which assistant commissioner was deployed. During this time the court house was established.
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3-फाजिल्का से दो किलोमीटर दूर गांव आवा 1850 में ग्रेवाल परिवार की ओर से बसाया गया था।
3-Village Aawa was built from the village of Gwewal in 1850, two kilometers away from Fazilka.
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4-साधू आश्रम के संचालक स्वामी कुशल दास जी महाराज थे।
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4-Swami Kushal Das Ji Maharaj was the successor of the Sadhu Ashram.
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5-सुलेमानकी हैड का निर्माण सन् 1926 में किया गया।
5-Sulemaniki Head was constructed in 1926.
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6-ब्रिटिश साम्रज्य ने बंगला के निकट 1928 में मेथोडिस्ट चर्च का निर्माण करवाया। जो बाद में शास्त्री चौंक के निकट स्थापित की गई।
6-British Empire constructed the Methodist Church in 1928 near Bangla. Which was later established near Shastri Chowk.
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7-फाजिल्का में विधवा विवाह कांफ्रेंस 24 अप्रैल 1934 को हुई थी।
7-Widow Marriage Conference in Fazilka was held on 24th April 1934.
--------------LACHHMAN DOST FAZILKA-
Jul 10, 2018
-फाजिल्का बसने से पूर्व बहावलपुर और ममदोट के नवाबों ने यहां कुछ छोटे - छोटे किले बनवाए , मगर उन की सरहदें सही ढंग से नहीं थी जब वट्टु और बहक परगना का आगमन हुआ तो उन्होंने सरहदें निर्धारित कर ली,
- 1844 में ब्रिटिश अधिकारिओं ने बहावलपुर के नवाबों से जगह का आदान प्रदान कर लिया और इस के बदले नवाबों को सिंध प्रान्त से कुछ जगह दे दी
-नवंबर 1884 में जब सिरसा जिले के दो हिस्से हुए तब पच्छिम का आधा हिस्सा फाजिल्का तहसील का था और 40 गावं डबवाली तहसील के थे जो फिरोजपुर के साथ जोड़े गए.
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Before the settlement of Fazilka, the Nawabs of Bahawalpur and Mamdot used to build some small fortresses here, but their border was not right when Vattu and Dheka Paragana arrived, they set boundaries,
- In 1844, British officials exchanged space with the Nawabs of Bahawalpur and in exchange for this, the Nawabs gave some place from Sindh province
In November 1884, when Sirsa district had two parts, half of the western part was of Fazilka tahsil and 40 villages were of Dabwali tehsil, which were connected with Ferozepur.
सुरेश वाला को बनाएंगे हरा भरा: सरपंच सुधीर कुमार
-पंचायत ने ग्रामीणा के सहयोग से रोपित किए पौधे
फाजिल्का, 10 जुलाई:
गांव सुरेश वाला को हरा भरा बनाने के लिए ग्राम पंचायत ने ग्रामीणों व बच्चों के साथ मिलकर गांव में पौधे रोपित किए। इस बारे में जानकारी देते हुए सरपंच सुधीर कुमार ने बताया कि घर घर हरियाली स्कीम के तहत गांव सुरेश वाला में पंचायत ने ग्रामीणों व स्कूल के बच्चों के सहयोग से गांव में पौधे रोपित किए ताकि गांव को हरा भरा बनाया जा सके। इस मौके पर सरपंच सुधीर कुमार ने कहा कि लगातार दूषित हो रहे वातावरण को स्वच्छ रखना समय की मांग है। इसलिए हर व्यक्ति को अपने जन्मदिन या शादी की सालगिरह पर पौधे रोपित जरूर करने चाहिए ताकि वातावरण को स्वच्छ बनाया जा सके। इस मौके पर वन विभागके ब्लाक अफसर विनोद कुमार, वन गार्ड सुखदेव सिंह, पंच शिव चंद, ग्रामीण जगमोहन, राहुल, सुमित, रमन, कुलवीर, विक्की, रमेश, संदीप, बब्बलू आदि मौजूद थे।---
कुछ ऐसे नाम - जिन की है खूब पहचान - चिठ्ठी पत्र पर आज भी वही नाम
जैसे .........
नाम होटल बाजार - होटल कितने है ? सिर्फ दो - चार ?
नाम मेहरीआं बाजार - क्या कभी देखा है वहां मेहरीआं को ?
नाम - डेड हाउस रोड - इस का मतलब तो समझते होंगे आप ?
नाम- वान बाजार - कहाँ है वान की दूकान ?
नाम - वूल मार्किट - कहाँ है वूल ?
नाम - मुलतानी चुंगी - जहाँ चुंगी नहीं काटी जाती ?
नाम- बीकानेरी रोड , बठिंडा रोड, और भी कई अनूठे नाम हैं बॉस !
क्यों ? हैं ना अनूठे नाम - फिर भी है इन की पहचान - बॉस - यही तो है मेरे फाजिल्का की पहचान !(LACHHMAN DOST)
Know about FAZILKA
Some such names - who have a lot of identity - are still on the same letter even today.
like .........
Name Hotel Market - How much is the hotel? Only two - four?
Name Mehari Bazar - What have you ever seen there?
Name - Dead House Road - What do you mean by this?
Name-Van Bazar - Where is the Van Shop?
Name - Wool Market - Where is Wool?
Name - Multani Chungi - Where Do Taxes Not Cut?
Name: Bikaneri Road, Bathinda Road, and many other unique names are Boss!
Why? There is no unique name - yet the identity of these - boss - that is the identity of my Fazilka!
Jul 9, 2018
Maharaja Ganga Singh took out the Gang Canal
बीकानेर रियासत को पानी देने वाली गंग केनाल फाजिल्का के क्षेत्र से होकर गुजरती है। इसे सतलुज वैली प्रोजेक्ट समझोते के तहत बीकानेर रिसायत को पानी देने के लिए बनाया गया है। बात 1899-1900 की है। जब बीकानरे रियासत में अकाल पड़ गया। तब बीकानेर रियासत के महाराजा गंगा सिंह ने केनाल के लिए ब्रिटिश साम्राज्य से अपील की। पंजाब के चीफ इंजीनियर आर.जी. कनेडी ने 1906 में सतलुज वैली प्रोजेक्ट की रूपरेखा तैयार की तो महाराजा गंगा सिंह को अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया गया। तब महाराजा गंगा सिंह लार्ड कर्जन के पास शिमला पहुंचे। क्योंकि बहावलपुर रियासत की ओर से इसकी खिलाफत की जा रही थी। इसलिए केनाल निकालना आसान नहीं था। बहावलपुर रियासत का तर्क था कि रिपोरियन नियमानुसार बीकानेर रियासत का इस पानी पर कोई हक नहीं है। मगर पंजाब के गवर्नर सर डैंजिल इबटसन को महाराजा से हमदर्दी थी और 1912 में योजना बनाकर तैयार कर ली गई। मगर पहले विश्व युद्ध के कारण यह कार्य अधर में लटक गया। इसके बाद 4 सितंबर 1920 को पंजाब, बहावलपुर और बीकानेर रियासत में सतलुज घाटी प्रोजेक्ट समझौता हुआ।
महाराजा गंगा सिंह ने केनाल की जिम्मेदार रैवन्यू कमिश्नर जी.डी. रूडकिन को सौंप दी। केनाल पर करीब तीन करोड़ रूपये खर्च आने का अंदाजा था। महाराजा द्वारा 5 दिसंबर 1925 को हुसैनीवाला में गंग नहर का नींव पत्थर पंजाब के गवर्नर सर मैलकम हैले, चीफ जस्टिस ऑफ पंजाब सर सादी लाल, सतलुज वैली प्रोजेक्ट के चीफ इंजीनियर ई.आर. फाए की मौजूदगी में रखा गया। इस केनाल का नाम महाराजा गंगा सिंह के नाम पर गंग केनाल रखा गया। हुसैनीवाला से शिवपुर तक इसकी लंबाई 129 किलोमीटर है। उस समय यह नहर दुनियां की सबसे लंबी नहर थी। महाराजा ने पंजाब क्षेत्र में नहर और रेस्ट हाउस बनाने के लिए सारी भूमि पंजाब सरकार से खरीद की थी। पांच वर्ष में चूने से तैयार की गई यह केनाल अब सीमेंट बजरी और ईंटों से बनी अन्य नहरों से मजबूत है। 26 अक्तूबर 1927 को शिवपुर हैड से केनाल का पानी छोडक़र महाराजा द्वारा इसका उद्घाटन किया गया। इस मौके पर वायसराये ऑफइंडिया लार्ड इरविन के अलावा कई राज्यों के राजा-महाराजा और नवाब भी मौजूद थे।
Gang Canal - Fazilka |