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Aug 10, 2018

ब्रिटिश एक्ट की व्यापारियों ने की खिलाफत

व्यापारियों से पैसा वसूलने के लिए ब्रिटिश साम्राज्य में मार्किटिंग बिल एवं बिक्री टैक्स एक्ट शुरू शुरू किया। मगर व्यापारी वर्ग को यह मंजूर नहीं था। जिस कारण पंजाब में आंदोलन शुरू हो गया। इसके तहत फाजिल्का में भी आंदोलन हुआ। जिसमें हिन्दू, मुस्लिम, सिख जातियों के व्यापारी सम्मलित थे। इस आंदोलन की अगुवाई सेठ चानन लाल कर रहे थे। इस दौरान फाजिल्का बंद रखा गया। जो ऐतिहासिक रहा। मगर सेठ चानन लाल आहूजा ने बाद में प्रधान पद से इस्तीफा दे दिया। जो 5 जुलाई 1941 को फाजिल्का से प्रकाशित समाचार पत्र निशात में प्रकाशित किया गया था। 

British act traders protest against
In order to recover money from traders, the British Empire started the Marketing Bill and Sale Tax Act. But the business class was not approved. That is why the movement started in Punjab. Under this, there was a movement in Fazilka too. In which the traders of Hindu, Muslim, Sikh castes were involved. The movement was led by Seth Chanan Lal. During this time phazilka was closed. Which was historic. But Seth Chan Lal Ahuja later resigned from the post of Principal. Which was published on 5 July 1941 in Nishat, a newspaper published from Fazilka.

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Aug 9, 2018

ब्लड डोनेशन सोसायटी कल लगाएगी मेला रक्तदानियों का

फाजिल्का, 09 अगस्त: ब्लड डोनेशन सोसायटी की एक बैठक गांधी नगर स्थित कृष्ण तनेजा के निवास पर हुई। जिसमें 11 अगस्त को सिविल अस्पताल में लगाए जाने वाले रक्तदान कैंप मेला खूनदानियों का की तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया। यह मेला स्वतंत्रता दिवस को समर्पित किया गया है। जानकारी देते हुए कृष्ण तनेजा ने बताया कि कैंप में 10 स्टेट अवार्डी ब्लड डोनरों को विशेष रूप से सम्मानित किया गया। इस कैंप में दुष्ट दमन धर्म रक्षणी सभा (रजि) का भी सहयोग लिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कैंप दौरान सोसायटी सदस्यों को पहचान पत्र भी वितरित किए जाएंगे और रक्तदानियों को सराहनीय पत्र, मैडल व सम्मान चिन्ह देकर सम्मानित किया जाएगा। बैठक में मोहित दहूजा, संजय अनेजा, मंगल सिंह, पारस सिरोईया, अरूण वर्मा, मनमोहन कुमार, मिन्टू मिढ्ढा, कुन्दन, डॉ. जगदीश गहलोत, बंटी, स्वर्ण तनेजा, दया कृष्ण प्रतापत, दर्शन सिंह तनेजा, पंकज डोडा, अक्षय वर्मा आदि मौजूद रहे।

Blood donation society will organize fair blood donation tomorrow
Fazilka, 09 August: A meeting of the Blood Donation Society was held at the residence of Krishna Taneja located in Gandhi Nagar. The preparations for blood donation camp festivals, which were put in Civil Hospital on August 11, were finalized. This fair has been dedicated to Independence Day. Giving information, Krishna Taneja said that 10 State Award Blood Donors were specially awarded in the camp. In this camp, the help of the evil oppressive Dharma Rakshani Sabha (Reg) is also being taken. He informed that during the camp, identity cards will also be distributed to society members and blood donation will be honored with a commendable letter, medal and honor marks. In the meeting, Mohit Dahuza, Sanjay Aneja, Mangal Singh, Paras Siroiya, Arun Verma, Manmohan Kumar, Mintoo Minda, Kundan, Dr. Jagadish Gehlot, Bunty, Swarna Tanze, Daya Krishna Pratapat, Darshan Singh Taneja, Pankaj Doda, Akshay Verma etc. are.

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सवेरा फाउंडेशन के संस्थापक चेयरमैन अतुल नागपाल के जन्मदिन पर पौधे रोपित


फाजिल्का, 9 अगस्त: सवेरा फाउंडेशन के संस्थापक चेयरमैन अतुल नागपाल का जन्मदिन
पर्यवरण दिवस के रूप में मनाया गया। इस दौरान सवेरा फाउंडेशन के सदस्यों की ओर से विभिन्न स्थानों पर पौधारोपण करते हुए छायादार, फलदार व फूलदार पौधे रोपित किए गए। इस मौके पर सुरेन्द्र कुमार, बूटा, अशोक, हरजीत, अमरजीत, भगवान, बलविन्द्र ओझांवाली, उपिन्द्र शर्मा, लाला, मुरारी, बंसी, विनोद, इन्द्रजीत, सतीश, बिट्टू, सोनू, गुलजार आदि ने बताया कि सवेरा फाउंडेशन के संस्थापक चेयरमैन अतुल नागपाल के जन्मदिन पर फाजिल्का की अन्नी दिल्ली मौहला, गांव ओझां वाली सहित कई अन्य स्थानों पर पौधे रोपित किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि सवेरा फाउंडेशन की ओर से समाजसेवा के लिए समय समय पर मैडीकल कैंप, जरूरतमंदों की सहायता, बच्चों की शिक्षा आदि जैसे कई कार्य किए जाते हैं। वहीं अतुल नागपाल ने कहा कि उनके जन्मदिन पर पौधे रोपित करने वालों का वह आभार व्यक्त करते हैं। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को अपने जन्मदिन व अन्य खुशी के मौके पर पौधे रोपित जरूर करने चाहिए ताकि वातावरण को स्वच्छ बनाया जा सके।
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Planted plants on the birthday of Atul Nagpal, founder chairman of Savera Foundation
Fazilka, August 9: Atul Nagpal, founder chairman of Savera Foundation, was celebrated as birthday party. During this time, shade, planted and flowery plants were planted on different places by members of the Savera Foundation. On this occasion, Surendra Kumar, Buta, Ashok, Harjeet, Amarjeet, Bhagwan, Balvindra Ojwanwali, Upinder Sharma, Lala, Murari, Bansi, Vinod, Indrajit, Satish, Bittu, Sonu, Guljar etc. told that Atul Nagpal, founder chairman of Savera Foundation Plants have been planted on several other places including the Delhi-Delhi Maula of Phazilka, Village Ojhn, on the birthday of the people. He informed that from time to time many works like medical camps, assistance of the needy, children's education etc. are done for the social service from Savara Foundation. On the other hand, Atul Nagpal said that he expresses gratitude to those who planted plants on their birthday. He said that every person should plant the plants on their birthday and other happy occasion so that the environment can be cleaned so that the environment can be cleaned.
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दास्तान-ए-वट्टू: हवेली से पहुंचा फाजिल्का वट्टू कबीला
درسٹن ای واٹھو:
Dastan-e-Wattu:
      ब्रिटिश साम्राज्य में भटियाणा (जिला सिरसा) के सहायक सुपरिटेडेंट जे. एच. ओलिवर को फाजिल्का शहर बसाने के लिए भूमि बेचने वाले मुसलमान नंबरदार मिया फज़ल खान वट्टू व अन्य वट्टू परिवार चंद्रवंशी राजपूत का एक कबीला था। मगर वट्टू सन् 1882 से 16 पीढ़ी पहले राजा खीवा के समय मुसलमान बन गए। खीवा हवेली (अब पाकिस्तान में) का राजा था। हवेली में लक्खा वट्टू नाम का एक मशहूर मुस्लमान रहता था। वट्टू वहां से सतलुज दरिया पार करके जिला मिंटगुमरी में आकर बस गया। उनका ही एक परिवार मिंटगुमरी से फाजिल्का के उत्तर की तरफ 16 मील दूर गांव बग्घेकी (जलालाबाद के निकट) आकर बस गया जो दक्षिण की तरफ फुलाही से 70 मील की दूरी पर था। बग्घेकी के उत्तर की तरफ डोगर जाति और दक्षिण की तरफ जोईऑस जाति के लोगों का कबीला बसता था। उधर वट्टू जाति के कई अन्य लोग हवेली के गांव राणा झंग के निकट भी बसे हुए थे। यह गांव राणा वट्टू के नाम पर बसा हुआ था। वट्टू वहां से चार पांच पीढ़ी पहले फज़ल खां वट्टू, राणा और दलेल के नेतृत्व में सतलुज दरिया के इस इलाके में आकर बस गए और यहां बोदला जाति के मुसलमानों के पड़ोसी बन गए। उस समय यह इलाका आबाद नहीं था। चारों ओर धूल ही धूल थी। पूर्व समय में वट्टू धार्मिक गुरू थे। उनका कद छोटा और पतला था। उनके नैन नक्ष तीखे थे। पतले होंठ व छोटे नाक वाले वट्टू जाति के मुसलमानों की भाषा मुस्लिम पंजाबी थी। जिस में नाक से बोले जाने वाले व्यंजन ज्यादा थे। मगर देखने में अपने पड़ोसी बोदला परिवारों से सुंदर थे। वह किफायती नहीं थे। जंगल किनारे बसे होने के कारण उनमें साहस की भावना की कमी नहीं थी। वे परिश्रमी थे और परिश्रम से उन्होंने रेतीले इलाके को आबाद कर लिया। उनके परिश्रम से यहां रेतीली धरती सोना उगलने लगी और वट्टू कृषि क्षेत्र से जुड गए। यहां बसने के बाद उनके बोदला जाति के मुसलमानों से संबध गहरे हो गए। वट्टू सतलुज दरिया के दोनों हिस्सों से जिला फिरोजपुर से जुड़े हुए थे। इनके आसपास चिश्ती, नाईपाल, भट्टी और गुज्जर भी बसे हुए थे। वट्टूओं की अधिकतर जाति आगे और शाखाओंं में बंटी हुई थी। वट्टू एक पूर्वज की ओर से थे। पूर्व समय में यहां उनकी 10-12 पीढिय़ां निवास करती थी। मगर कुछ समय बाद उनकी कुछ पीढ़ीयां वापस चली गई। यहां 1882 तक उनकी सिर्फ तीन-चार पीढ़ीयां ही रह गई। जो पीढिय़ां बाकी रह गई। उनमें ज्यादातर गांव लाधुका, मुहम्मदके और सैदोके में बसी हुई थी। इन गांवों को वट्टूओं ने अपना नाम दिया। ये गांव ही उनके हैड क्वार्टर बन गए। इसके अलावा सुक्खा के नाम पर गांव सुखेरा और कालो के नाम पर गांव कालोके बस गया। 1911 की जनगणना अनुसार जिला फिरोजपुर में इनकी संख्या 9732 थी।
Dastan-e-Wattu: Fazilka Wattu Kabila from Haveli
         In the British Empire J. Assistant Superintendent of Bhatiana (District Sirsa) Muslim naadder Mia Fazal Khan Wattu, who sells land to settle down Fazilka town, and a Wattu family, was a tribe of Chandravanshi Rajput. But Watttu became a Muslim during the King Killa, 16th generation before 1882. King of the Khiwa Haveli (now in Pakistan). A renowned Muslim named Lakkha Vattu lived in the mansion. Vattu crossed the Satluj river crossing and settled in the district of Mintingumari. One of his family migrated from Mintgumari, 16 miles away to the north of Fazilka, near the village Baggaikei (near Jalalabad), which was 70 miles away from Phulahi on the south side. Dogger caste on the north side of Baggeki and the tribe of the Zoose caste on the south used to be inhabited. On the other side, many other people of the Vatu caste were also living near the village of Rane Jhang of Haveli. This village was named after Rana Vatu. Vatu settled in this area of ​​Satluj Dariya under the leadership of Fazal Khan Vattu, Rana and Dellal, four to five generations before that and here he became a neighbor of the Muslims of Bodla caste. At that time the area was not populated. The dust around was dust itself. In earlier times, Vatu was a religious teacher. His stature was small and thin. Their nan naks were sharp. The language of Muslims of the Vatu caste with thin lips and small noses was Muslim Punjabi. In which nose-fed dishes were more. But in view of the neighboring Bodala families were beautiful. He was not economical Due to being settled on the banks of the forest, they lacked the sense of courage. They were hard-working and by diligence they settled the sandy terrain. From his hard work, the sandy land began to flutter and Wattu joined the agriculture sector. After settling down here, his relationship with the Bodolas of Muslims grew deeper. Vattu was connected to the district Firozpur from both parts of Satluj Dariya. Chishti, Naipal, Bhatti and Gujjar were also settled around them. Most of the castes of Vatu were divided further into branches. Vattu was from an ancestor. In earlier times, he used to live 10-12 generations. But after some time some generations of them went back. It remained only three or four generations until 1882. Generations left Most of them were settled in the villages of Ladkuka, Mohammedke and Sedoke. Vatu gave their names to these villages. These villages became their head quarters. Apart from this, village Keloke has been settled in the name of village Sukhera and Kalo in the name of Sukkha. According to the 1911 census, their number in the district Firozpur was 9732

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Aug 8, 2018

गांव लाधुका की दास्तां
न्याय में धोखा नहीं खाती थी वली मुहम्मद खान की अंधी आँखे

    उसकी आँखों ने जिंदगी भर किसी का चेहरा नहीं देखा, लेकिन फिर भी आँखे न्याय को पहचाननें में कभी धोखा नहीं खा सकती थी। अंधा था, मगर न्याय करते समय अगर बेटे की बात भी झूठ साबित हो गई तो वह उसे भी सजा देने से नहीं घबराता। ऐसा न्यायप्रिय था, मुहम्मद लाधु खान का बेटा वली मुहम्मद खान। वली मुहम्मद खान तीन भाईयों में सबसे बड़ा था। उसका छोटा भाई कुत्तुबदीन ऑनरेरी मजिस्ट्रेट था और सबसे छोटा नजामदीन तो इज्जत का रखवाला के नाम से आसपास के इलाके में प्रसिद्ध था। वली मुहम्मद खान की आँखों की रोशनी बचपन से ही नहीं थी। मगर उसकी काबलियत का लोहा पूरा इलाका माानता था। जमींदार मुस्लमान लाधु खान के परिवार के न्याय के किस्से तो दूर तक के लोग मानते थे। जमींदार लाधु खान की मौत हुई तो गांव का नाम ही लाधुका पड़ गया। सतलुज दरिया से तीन किलोमीटर दूर बसा गांव लाधुका की गलियों जैसी साफ-सफाई तो निकट के किसी गांव में नहीं थी। खुली गलियां, गांव के बीच चौपाल, कुआं और बड़ी-बड़ी हवेलियां गांव की शान थी। मुहम्मद लाधु खान की भूमि का रक्बा बहुत बड़ा था। गांव किडिय़ांवाली तक उनकी सरहद थी। लाधु खान के भाई लक्खा खान की भूमि का रक्बा भी कम नहीं था। गांव लक्खा मुसाहिब, लक्खा कड़ाईयां, लक्खेके हिठाड, लक्खे के उत्ताड़, लक्खा असली मुहम्मद लक्खा खान के गांव थे। मगर इनका अधिकतर ध्यान अपनी भूमि की संभल की तरफ था और लाधु खान के बेटे मुहम्मद वली खान अपना ध्यान लोगों को न्याय दिलाने की तरफ जयादा देता था।
      बात 1850 के आसपास की है। वली मुहम्मद का बेटा सादिक पशुओं का व्यापार करता था। सादिक का एक व्यापारी साथी सतलुज दरिया के पार से पशु खरीदकर दरिया के इस ओर सरकंडे के साथ बांध देता था। सरकंडे की निशानी पर सादिक पहुंचता और पशु लेकर बेच देता। पशु बेचने के बाद सादिक दूसरे व्यापारी को उसका हिस्सा अदा कर देता। एक बार सादिक के साथी व्यापारी ने दरिया के इस ओर सटे किनारे तक भंैस भेज दी। भैंस के नैंन नक्श सुंदर थे। दूध तो इतना था कि देखने वाला भी दंग रह जाता। दूसरे दिन सादिक ने व्यापारी के पास संदेश भेजा कि वह रात को भैंस लेने गया था। मगर वहां भैंस नहीं मिली। व्यापारी हैरान हो गया कि जब वह भैंस ठिकाने पर खुद बांधकर आया है तो सादिक कैसे कह रहा है कि वहां भैंस नहीं है ? व्यापारी चोर की तलाश में दरिया के इस ओर आ गया। चोर की तलाश करते-करते तीन दिन बीत गए। मगर चोर का पता नहीं चला। बात वली मुहम्मद तक पहुंची। सादिक को चौपाल में बुलाया गया। मगर सादिक ने वहां से भैंस नहीं लेकर आने की बात कही। इस बारे में दोनों ने सौगंध उठाई। अब झूठ से पर्दा उठाकर हकीकत को सामने लेकर आने के लिए वली मुहम्मद ने एक योजना बनाई। योजना मुताबिक उस सरकंडे को गवाह बनाया गया, जहां भैंस बांधी गई थी। वली मुहम्मद ने दोनों को उस सरकंडे से एक टहनी तोडक़र लाने को कहा, जहां व्यापारी भैंस बाधता था। सादिक और व्यापारी सरकंडे की टहनी के लिए चल पड़े। सादिक तो टहनी लेकर आ गया, लेकिन व्यापारी देरी से पहुंचा। उसके बाद वली मुहम्मद की ओर से सादिक और व्यापारी के पीछे हकीकत जानने के लिए भेजे गए व्यक्ति भी आ गए। उन्होंने बताया कि सादिक ने तो गांव के बाहर खड़े सरकंडे से टहनी तोड़ी है। जबकि व्यापारी ने उस स्थान पर मौजूद सरकंडे की टहनी तोड़ी है, जहां भैंस के पैरों के निशान आज भी हैं। सच्चाई कुछ हद तक सामने आ चुकी थी। इस दौरान वह व्यक्ति भी आ पहुंचा, जिसने भैंस खरीदी थी। उसने बताया कि भैंस बेचने वाला सादिक था। अब हकीकत सामने आ गई। वली मुहम्मद ने अपने फैसला सुनाया कि सादिक सजा के तौर पर भैंस का मूल्य व्यापारी को तीन दिन में अदा करेगा। साथ ही लाधुका और आसपास के गांवों में एक माह के बीच जितनी भी लड़कियों की शादी होगी। उसका खर्च सादिक उठाएगा। ऐसे न्याय की दास्तां सुनते हुए गांव लाधुका में बरसों गुजारने के बाद फाजिल्का की मास्टर कालोनी में बसे बाऊ राम कहते हैं कि कुत्तुबदीन और नजामदीन भी नयाय करते समय धर्म और परिवार को एक तरफ रखकर ही फैसला सुनाते थे।(LACHHMAN DOST FAZILKA)
Tales of village Ladhuka
Wali Muhammad Khan's blind eyes did not cheat in justice             
      His eyes had not seen anyone's face throughout his life, but still the eye could never be deceived in recognizing justice. There was blindness, but in the course of judgment, even if the son's statement was proved false then he would not be afraid to punish him. It was so fair, the son of Muhammad Ladhu Khan, Wali Muhammad Khan. Wali Muhammad Khan was the eldest of three brothers. His younger brother was Kutubdin Honorary Magistrate, and the youngest Najamuddin was famous in the vicinity in the name of Ijtat's Rakwala. Wali Muhammad Khan's eyesight was not from his childhood. But the iron of its power was the whole area. The people of far and wide were considered by the far-reaching of the justice of the family of landlord Ladhu Khan. When landlord Ladhu Khan died, the name of the village fell into a lonely person. There was no cleanliness in the nearby villages like the streets of Ladka, three kilometers away from Satluj Dariya. The open streets, the village was the pride of the village, the Chowpal, the well and the huge Haveli. The land of Mohammad Ladhu Khan's land was very big The village was bound by Kiddianwali. The land of Ladkha Khan's brother Lakkha Khan was not even less. The village was Lakkha Mussahib, Lakha Kadaian, Lakhe ke Hithad, Lakhe ke Utad, Lakkha village of real Muhammad Lakhna Khan. But most of his attention was on the side of his land and the son of Ladhu Khan, Muhammad Wali Khan, gave his attention to people to give justice to the people.
      The thing is around 1850. Wali Muhammad's son Sadiq used to do cattle trading. A businessman from Sadiq used to buy cattle from across Sutlej Dariya and bind them with the movement on the other side of the river. Sadiq reaches Saddi on the mark of Sarkanda and sells him with cattle. After selling the animals, Sadiq paid the other trader part of it. Once, Sadiq's fellow businessman sent a bhajan to the adjoining side of the river. The nyan map of buffalo was beautiful. The milk was so much that the viewer would also be stunned. On the second day, Sadiq sent a message to the trader that he went to take a buffalo at night. But there was no buffalo there. The trader was surprised that when the buffalo himself came on the shelter, how did Sadiq say that there is no buffalo there? The trader came to the side of the river in search of a thief. Three days passed by searching for a thief But the thief was not detected. The talk reached Wali Muhammad. Sadiq was called in the Chaupal But Sadiq said that there was no buffaloes coming from there. Both of them took the oath. Now Wali Muhammad made a plan to bring the reality from the lie and bring the reality forward. According to the plan, that gang was made witness, where buffalo was built. Wali Muhammad asked both of them to bring a twig in the shackles, where the buffer was in charge of the buffalo. Sadiq and traders move for the twig. Sadiq came with a twig, but the dealer arrived late. After that, the person sent by Wali Muhammad to know the reality behind Sadiq and the businessman also came. He told that Sadiq had broken his sword standing outside the village. Whereas the trader has broken the sprig of the public at that place, where there are still traces of buffalo feet. The truth had come to some extent. During this time the person also came, who buys buffalo. She told that buffalo selling was Sadiq. Now the reality has come out. Wali Muhammad has ruled that Sadiq will pay the trader for three days as a punishment for buffaloes. At the same time, between Ladies and the surrounding villages, the number of girls in the middle of a month will be married. His cost will be simple. After listening to the tales of such justice, after passing the years in Ladkuka, Bau Ram, who settled in the Master Colony of Phazilka, says that Kutubdin and Najamuddin used to pronounce decisions only by keeping religion and family together.

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Aug 7, 2018

बच्चों को बताए सफाई के मायने
गुरू नानक सिख कन्या पाठशाला में पौधारोपण भी किया
फाजिल्का, 7 अगस्त: स्वच्छ भारत अभियान के तहत आज गुरू नानक सिख कन्या पाठशाला में एक सैमीनार का आयोजन किया गया।
जिसमें बच्चों को स्वच्छता सबंधी जानकारी देते हुए अपने आसपास की सफाई, निजी सफाई, खुले में शोच मुक्त करने सबंधी और पॉलीथीन का प्रयोग न करने के बारे में जागरूक किया गया। इस मौके पर इस दौरान पी.एम.आई.डी.सी. नगर कौंसिल द्वारा कम्यूनिटी फैसिलिटेटर श्रीमती हरप्रीत कौर, मोटीवेटर चन्न सिंह और मनीश कुमार ने बच्चों से कहा कि सफाई न होने के कारण कई प्रकार की बीमारियां फैलती हैं, जिस कारण हमें अपने इलाके की सफाई में अपना अहम योगदान देना चाहिए। इस मौके पर स्कूल में प्रिंसिपल बलजीत कौर, सरकारी कन्या सीनियर सैकेंडरी स्कूल की पूर्व प्रिंसिपल प्रीतम कौर, डॉ. मोहन सिंह आदि ने सैमीनार में बच्चों को सफाई रखने के लिए प्रेरित किया। इस मौके पर स्कूल में पौधा रोपण भी किया गया।

Explanation of the meaning of cleanliness to children
Planted plantation in Guru Nanak Sikh kanya pathshala
Fazilka, August 7: A seminar was organized at Guru Nanak Sikh kanya pathshala, under the Swachh Bharat Abhiyan today. In which the children were made aware about cleanliness related to their surroundings, cleanliness, personal cleanliness, open-skelty, and not using polyethylene. During this time PMIDC Community Convener Mrs. Harpreet Kaur, Motivator Chan Singh and Manish Kumar told the city council that due to non-cleansing, many diseases spread, due to which we should make an important contribution in the cleaning of our locality. On this occasion, Principal Baljeet Kaur, former Principal of Government Girls Senior Secondary School, Pritam Kaur, Dr. Mohan Singh etc. encouraged the children to keep clean in the seminar. The plant was planted on this occasion.
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Aug 6, 2018

1867 को आस्तित्व में आई नगर कौंसिल फाजिल्का

नगर कौंसिल फाजिल्का की स्थापना ब्रिटिश साम्राज्य की ओर से पंजाब सरकार के नोटिफिकेशन नंबर 1034 के तहत 7 अगस्त 1867 को की गई। जिसका एक्ट 1873 को लागू किया गया। 10 दिसम्बर 1885 को फाजिल्का तहसील को सिरसा जिला से काटकर जिला फिरोजपुर से जोडा़ गया तो पंजाब सरकार ने अधिसूचना संख्या 486 के तहत पिछली अधिसूचना में संशोधित करके कौंसिल की सीमा निर्धारित कर दी। शहरी अधिसूचना नंबर 541 के तहत एक नवंबर 1905 को कौंसिल के नियमानुसार इसमें पुन: बदलाव किया गया। 03 जुलाई 1916 को अधिसूचना संख्या 415 के तहत अधिसूचना में संशोधन करके कौंसिल की सीमा पुन: निर्धारित की गई। 31 फरवरी 1938 को अधिसूचना में एक बार फिर संशोधन हुआ और सरकार के अधिसूचना नंबर 421-सी-38-6308 के तहत कौंसिल की सीमा निर्धारित की गई।
नगर कौंसिल की 1879-80 में 16190 रूपये, 1880-81 में 16972 रूपये, 1881-82 में 16404 रूपये, 1882-83 में आय 19696 रूपये थी, जिसमें 484 रूपये व्यय किए गए थे। 1882-83 के अंत में 27129 रूपये नगर कौंसिल के पास थे। इस दौरान कौंसिल ने शहर में चौड़ी सडक़े (अधिक लंबी नहीं) बनवाई और मवेशियों के लिए चराई मैदान बनवाया गया। इसके अलावा शहर कुछ रास्ते पेड़ों के साथ बनाए गए। पंजाब नगर कौंसिल एक्ट 111-1911 अंडर सेक्शन 188 (एच) कानून के तहत फाजिल्का में घोड़े की लीद व अन्य हानिकारक भोजन पर मवेशियों पंजाब की धारा 148 नगर संहिता के तहत जुर्माना किया जाता था। तब पशुओं के लिए लाइसेंस बनाए जाते थे। जो हर साल 31 मार्च को समाप्त करके नया लाइसेंस बनाया जाता। अगर कोई व्यक्ति नियमों की अवहेलना करता तो उसका लाइसेंस रद्द कर दिया जाता। अगर कोई व्यक्ति पशु को गलियों में छोड़ देता तो उसे नगर कौंसिल में बंद (जिसे फाटक कहते थे) कर दिया जाता।
नगर कौंसिल के सदस्यों की घोषणा पहली बार 12 अगस्त 1893 को की गई। जिसमें देवी दित्ता मल को अध्यक्ष बनाया गया, जबकि हजूर सिंह को उपाध्यक्ष और हीरा लाल हैडमास्टर, लाला चौथ मल साहिब, लाला आईदान साहिब और लाला मलूक चंद साहिब को पार्षद बनाया गया। इसके बाद ब्रिटिश सरकार की ओर से नगर कौंसिल के चुनाव करवाने के लिए 3 दिसंबर 1895 को ब्रिटिश अधिकारी बेटसन हग एस.पी. राय को फाजिल्का के लिए चुनाव एसोसिएट का सदस्य मनोनित किया गया। नगर कौंसिल में 1903 में सेठ मदन गोपाल सीनीयर उपप्रधान बने और 1909 में राय साहेब तिलोक चंद नगर कौंसिल का प्रधान बनाया गया। नगर कौंसिल में 1919 में सरकार के नियमानुसार किशोर चंद पेड़ीवाल को उपाध्यक्ष बनाया गया। ब्रिटिश नियम मुताबिक एस.डी.एम. राय साहेब तिलोक चंद अध्यक्ष का कार्य भी संभालते थे। वर्ष 1925 अध्यक्ष एसडीएम एल.एस.बल्ल थे और वोटरों की ओर से चयनित राय साहिब बूल चंद आहूजा को कौंसिल का उपाध्यक्ष बनाया गया। सेठ श्योपत राय पेड़ीवाल 1928 से 1931 और 1931 से 1939 तक नगर कौंसिल के अध्यक्ष रहे। उस समय मुहम्मद अब्दुल करीम और लाला करम चंद उपप्रधान थे। जबकि सेठ जस राज, मुहम्मद करमदीन, लाला मुकंद लाल और लाला राम चंद पार्षद थे। 1939 में चयनित अध्यक्ष राय साहिब मुकंद लाल भारत विभाजन तक विराजमान रहे।    
भारत विभाजन के बाद फाजिल्का में 12 वार्ड बनाए गए। नगर कौंसिल चुनाव हुये तो अध्यक्ष पद के लिये सेठ मुंंशी राम गिल्होत्रा और सेठ लक्ष्मी नारायण पेडीवाल उम्मीदवार थे। पार्षदों की वोटिंग हुई तो दोनों उम्मीदवारो को 6-6 वोट मिले। फिर टॉस करके  सेठ मुंशी राम गिल्होत्रा को अध्यक्ष बनाया गया। वर्ष 1952 अध्यक्ष लाजपत राय मल्होत्रा को अध्यक्ष चुना गया और 1955 में अमर सिंह कल्याण कौंसिल अध्यक्ष बने तो शहर में स्ट्रीट लाईट आई। जिसकी आपूर्ति पंजाब राज्य बिजली बोर्ड की निजी फर्म हरभगवान नंदा एंड कंपनी द्वारा की गई। शहर में प्रकाश व्यवस्था के लिए सडक़ क्षेत्र के भीतर नगर कौंसिल ने 340 ट्यूब और 455 बल्ब स्थापित किए गए। इसके अलावा प्रताप बाग में लाइब्रेरी स्थापित की गई। 1960 में अध्यक्ष लक्ष्मी नारायण पेड़ीवाल को बनाया गया। फिर शहर में जल आपूर्ति की गई और जल सप्लाई 1965 में अध्यक्ष डॉ. हरबख्श लाल वधवा के नेतृत्व में शुरू हुई। दो ट्यूबवेलों के लिए कुओं के साथ एक जलाशय स्थापित किया गया और शहरवासियों को पीने का पानी उपल्ब्ध हुआ। उस समय ही सीवरेज व्यवस्था का भी प्रबंध किया गया। शहर की सफाई को सुचारू रूप से रखने के लिए 135 सफाई सेवक नियुक्त किये गए। इसके बाद वर्ष 1970 में अध्यक्ष अमरनाथ बांसल बने। वर्ष 1972 में कश्मीरी लाल कटारिया को अध्यक्ष बनाया गया। तब यहां दमकल विभाग को गाड़ी दी गई। वर्ष 1978 में अध्यक्ष किशोर चंद भठेजा, वर्ष 1985 में अध्यक्ष सेठ लक्ष्मी नारायण पेड़ीवाल, वर्ष 1992 में अध्यक्ष केवल कृष्ण कामरा को अध्यक्ष बनाया गया। जिन्होंने कब्जे वाली 450 एकड़ भूमि छुड़वाई। इसके बाद वर्ष 1998 में अध्यक्ष बजरंग लाल गुप्ता, वर्ष 2001 में अध्यक्ष महिन्द्र प्रताप धींगड़ा, वर्ष 2003 में अध्यक्ष हरी चंद कम्बोज और वर्ष 2008 में शहर के युवा पार्षद अनिल सेठी को अध्यक्ष बनाया गया। अब शहर विकास की बुलंदियों को छू रहा है। (Lachhman Dost Fazilka)
In 1867, the Municipal Council of Fazilka
 Municipal Council Fazilka was set up on 7 August 1867 by the British Empire under the Notification No. 1034 of the Punjab Government. Whose act was enacted in 1873. On December 10, 1885, Fazilka tahsil was cut from Sirsa district and connected to the district Firozpur, the Punjab Government fixed the limits of the council by amending the previous notification under Notification Number 486. According to the Council rules on November 1, 1905, under Urban Notification No. 541, it was changed again. The council's limit was revised by amending the notification under notification no. 415 on 03 July 1916. On February 31, 1938, the notification was amended once again and the council's limit was fixed under the notification No. 421-C-38-6308 of the Government.
16190 in Town Council of 1879-80, Rs 16972 in 1880-81, Rs 16404 in 1881-82, Rs 18,868 in 1882-83, in which Rs 484 was spent. At the end of 1882-83, the town council had Rs 27129. During this time, the council constructed a wide road (not long enough) in the city and grazing ground for cattle. Apart from this, the city was made some way along the trees. Under the Punjab Town Council Act 111-1911 under section 188 (h) of law, fines were imposed under section 148 Municipal Code of cattle on horseback and other harmful food. Then the licenses were made for animals. Which will be completed every year on March 31, the new license was made. If a person disregards the rules, then his license can be canceled. If a person leaves the animal in the streets, he would be locked in the city council (which was called the gate).
The announcement of members of the town council was first made on 12 August 1893. In which Goddess Ditta Mal was made president, while Hazoor Singh was made vice-president and Hira Lal Headmaster, Lala Chauth Mal Sahib, Lala eyedan Sahib and Lala Maluk Chand Sahib as councilor. After this, on December 3, 1895, the British official, Bethen Hug, S.P., to conduct the election of the city council on behalf of the British Government. Rai was nominated a member of the election associate for Fazilka. In 1903, Seth Madan Gopal became the Senior Deputy Prime Minister and in 1909 Rai Saheb became head of Tilok Chand Nagar Council. According to the rules of government in the city council in 1919, Kishor Chand Pediwal was made vice-president. According to British rules, SDM Rai Saheb Tilok Chand also used to handle the President's work. The year 1925 President SDM LS Ball was elected and elected by the voters, Rai Sahib Baul Chand Ahuja was made the Vice-President of the Council. Seth Shayopat Rai Pediwal was the president of the city council from 1928 to 1931 and from 1931 to 1939. At that time, Muhammad Abdul Karim and Lala Karam Chand were Vice Presidents. While Seth Jas Raj, Muhammad Karamdin, Lala Mukand Lal and Lala Ram Chand Parshad were. In 1939, elected president Rai Sahib remained in the Mukand Lal Bharat division.
After partition of India, 12 wards were made in Phazilka. When the municipal council elections were held, Seth Munshi Ram Gilhotra and Seth Laxmi Narayan Pediwal were the candidates for the post of the President. When the councilors voted, the two candidates got 6-6 votes. Then tossed Seth Munshi Ram Gilhotra as president. In the year 1952 president Lajpat Rai Malhotra was elected president and in 1955 Amar Singh became the president of the Kalyan council and in the city street light came. Which was supplied by Harbhavwan Nanda & Company, a private firm of Punjab State Electricity Board. Within the road area for city lighting, 340 tubes and 455 bulbs were set up by the city council. In addition, the library was established in Pratap Bagh. In 1960, Chairman Laxmi Narayan Petiwal was created. Water was supplied in the city and water supply started in 1965 under the leadership of Dr. Harbakhsh Lal Wadhwa. A reservoir was established with two wells for wells and drinking water was available to the residents. At that time the sewerage system was also arranged. To maintain the cleanliness of the city, 135 sanitary workers were appointed. After this, in the year 1970, Chairman Amarnath Bansal became. Kashmiri Lal Kataria was made the President in the year 1972. Then the fire department was parked there. In year 1978, Chairman Kishore Chand Bhateja, in 1985, Chairman Seth Laxmi Narayan Padiwal, Chairman, in year 1992, Krishna Kamra was appointed as President. Who rescued the occupied 450 acres of land. After this, Bajrang Lal Gupta, Chairman, in year 1998, Chairman, Mahindra Pratap Dhingra, in 2001, Chairman Hari Chand Kambos in 2003 and the year's young councilor Anil Sethi was appointed as the Chairman. Now the city is touching the developmental forces.

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Aug 5, 2018

Retreat Ceremony - Sadqi Border Fazilka

Retreat Ceremony - Sadqi Border Fazilka 
भारत पाकिस्तान के बीच एक रेखा -
इस के इंडिया की तरफ सादकी पोस्ट तो पाकिस्तान की तरफ सुलेमान की पोस्ट -
दोनों देशों के बीच रोज़ाना शाम के समय रिट्रीट सेरेमनी होती है - जिसे देखने के लिए भारी संख्या में दर्शक पहुँचते हैं - १४ और १५ अगस्त को तो एक अलग ही नज़ारा होता है

A line between India-Pakistan - Sadqi Post on India's side - Suleimankee post on Pakistan -
Retreat Ceremonies are held between the two countries in the evening - a large number of visitors reach - 14 and 15 August So have a different view.
(LACHHMAN DOST  FAZILKA)
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Aug 4, 2018

नौजवान समाजसेवा संस्था ने रोपित किए पौधे
फाजिल्का, 4 अगस्त:
नौजवान समाज सेवा संस्था की ओर से बादल कालोनी में पौधारोपन समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें एस.डी.एम. सुभाष खटक बतौर मुख्यातिथि के रूप में पहुंचे। पौधा रोपित करके पौधारोपण अभियान की शुरूआत करते हुए एस.डी.एम. ने कहा कि वातावरण को स्वच्छ रखने के लिए पौधे रोपित करना हर व्यक्ति की जिम्मेदारी बन गई है। इसलिए हर व्यक्ति को कम से कम दो पौधे जरूर रोपित करने चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर अब वातावरण की संभाल नहीं की गई तो भविष्य में हमारे लिए खतरा बन जाएगा। उन्होंने कहा कि पौधा रोपित करने के बाद उसकी संभाल भी बहुत जरूरी है। संस्था के जिला सचिव रमेश पचेरवाल ने कहा कि संस्था द्वारा वहां पौधे रोपित किए जा रहे हैं, जहां उनकी संभाल हो सके। संस्था के संस्थापक लवली वाल्मीकि व जिलाध्यक्ष शगन बसेटिया ने मेहमानों का आभार जताया और उन्हें सम्मानित किया। इस मौके विकास परवाना, सुभाष, सुरेन्द्र गिल, नरेश कुमार, नटवर सारवान, नारायण महंत, शंकर, मुकेश रेवाडिय़ा, संजय कुमार, रंजन बागड़ी, सन्नी सरोवा, मंगू, अश्वनी खटीक, विकास खटीक, कर्ण खटीक, जसराज खटीक, अभिषेक, राकेश, मोनू बागड़ी, चेतन खटीक, राज कुमार खटीक, बंटी वाल्मीकि, साजन आहूजा, विजय शर्मा, मनोज गांधी और टार्जन आदि मौजूद थे।

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पंचायत, ब्लाक समिति और जिला परिषद चुनावों को लेकर कमरकस लें कांग्रेस वर्कर: घुबाया
दो जोनों में कांग्रेस कार्यकर्ताओं से की बैठक
                              

फाजिल्का, 4 अगस्त: पंचायत, ब्लाक समिति और जिला परिषद के होने वाले चुनावों को लेकर कांग्रेस का हर वर्कर कमरकस ले ताकि अकाली भाजपा व अन्य सियासी पार्टियों के उम्मीदवारों को पराजित किया जा सके। इसके अलावा कांग्रेस कार्यकर्ता कांग्रेस सरकार की कल्याणकारी नीतियां घर घर पहुंचाए। यह बात फाजिल्का हलके के विधायक दविन्द्र सिंह घुबाया ने गांव झोक डिपूलाना जोन के कांग्रेस वर्करों को संबोधित करते हुए कही। इसके अलावा उन्होंने जोडक़ी कंकर वाली जोन के वर्करों को चुनावों की तैयारी में जुट जाने को कहा। इस मौके पर विधायक के मीडिया इंचार्ज बलकार सिंह सिद्धू, गुरजीत सिंह गिल कौडिय़ां वाली, वरिन्द्र सिंह सरपंच जोडक़ी, बिट्टू नंबरदार, सिमरजीत सिंह, सुभाष कुमार सरपंच चुवाडिय़ां वाली, रमेश कुमार पूर्व सरपंच चुवाडिय़ां वाली, बलकार जोसन, अमीर सिंह, रछपाल सिंह, सुखदेव सिंह पूर्व सरपंच, डॉ. प्रेम सिंह, राजबीर सिंह, जसविन्द्र सिंह ओझांवाली, गुरदीप सिंह, कुलदीप सिंह, पाल सिंह, सुरिन्द्र सिंह अभुन्न, शेर बाज सिंह, अमरजीत सिंह, अंग्रेज सिंह, सतपाल भूसरी, सुरिन्द्र पाल सिंह छिन्दा, किशोर साबूआणा, हरबंस सिंह कार्यालय प्रभारी, सोनू मौजम, मास्टर जोगिन्द्र सिंह, परमपाल सिंह रामपुरा, बलविन्द्र वनवाला, गुरजंट सिंह चिमनेवाला, वेद ढाबां, बंटी बजाज आदि के अलावा भारी संख्या में कांगे्रस के कार्यकर्ता उपस्थित थे।
                             
जानकारी देते हुए विधायक के मीडिया इंचार्ज बलकार सिंह सिद्धू ने कहा कि विधायक स. घुबाया की ओर से दो जोनों में कांग्रेस कार्यकर्ताओं से बैठक की गई और चुनावों सबंधी जानकारी दी गई। इन बैठकों में विधायक दविन्द्र सिंह घुबाया पंचायत, ब्लाक समिति और जिला परिषद चुनावों में कांग्रेस पार्टी द्वारा इमानदार छवि वाले उम्मीदवार मैदान में उतारे जाएंगे और वह इसकी तैयारियां शुरू कर दें। उन्होंने यह भी कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह की अगवाई में होने वाले यह चुनाव नशा रहित होंगे और चुनावों दौरान किसी को भी नशा बांटने नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने चुनावों से पहले जो भी वायदे किए थे, उन्हें पूरा करने का सिलसिला जारी है और जो विकास कार्य अधूरे पड़े हैं, उन्हें हर हाल में पूरा किया जाएगा। 


ੰਚਾਇਤ, ਬਲਾਕ ਸੰਮਤੀ ਅਤੇ ਜ਼ਿਲ•ਾ ਪਰਿਸ਼ਦ ਚੋਣਾਂ ਨੂੰ ਲੈ ਕੇ ਕਮਰ ਕਸ ਲੈਣ ਕਾਂਗਰਸ ਵਰਕਰ: ਘੁਬਾਇਆ
ਦੋ ਜ਼ੋਨਾਂ ਵਿਚ ਕਾਂਗਰਸ ਵਰਕਰਾਂ ਨਾਲ ਕੀਤੀ ਮੀਟਿੰਗ
ਫ਼ਾਜ਼ਿਲਕਾ, 4 ਅਗਸਤ():  ਪੰਚਾਇਤ, ਬਲਾਕ ਸੰਮਤੀ ਅਤੇ ਜ਼ਿਲ•ਾ ਪਰਿਸ਼ਦ ਦੀਆਂ ਹੋਣ ਵਾਲੀਆਂ ਚੋਣਾਂ ਨੂੰ ਲੈ ਕੇ ਕਾਂਗਰਸ ਵਰਕਰ ਕਮਰ ਕਸ ਲੈਣ ਤਾਂ ਕਿ ਅਕਾਲੀ ਭਾਜਪਾ ਤੇ ਹੋਰਨਾਂ ਸਿਆਸੀ ਪਾਰਟੀਆਂ ਦੇ ਉਮੀਦਵਾਰਾਂ ਨੂੰ ਹਰਾਇਆ ਜਾ ਸਕੇ। ਇਸ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਕਾਂਗਰਸ ਵਰਕਰ ਕਾਂਗਰਸ ਸਰਕਾਰ ਦੀਆਂ ਕਲਿਆਣਕਾਰੀ ਨੀਤੀਆਂ ਘਰ ਘਰ ਪਹੁੰਚਾਉਣ। ਇਸ ਗੱਲ ਫ਼ਾਜ਼ਿਲਕਾ ਹਲਕੇ ਦੇ ਵਿਧਾਇਕ ਦਵਿੰਦਰ ਸਿੰਘ ਘੁਬਾਇਆ ਨੇ ਝੋਕ ਡਿਪੂ ਲਾਣਾ ਜੌਨ ਦੇ ਕਾਂਗਰਸ ਵਰਕਰਾਂ ਨੂੰ ਸੰਬੋਧਿਤ ਕਰਦਿਆਂ ਕਹੀ। ਇਸ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਉਨ•ਾਂ ਜੋੜਕੀ ਕੰਕਰ ਵਾਲੀ ਜੌਨ ਦੇ ਵਰਕਰਾਂ  ਨੂੰ ਚੋਣਾਂ ਦੀ ਤਿਆਰੀ ਵਿਚ ਜੁੱਟ ਜਾਣ ਨੂੰ ਕਿਹਾ। ਇਸ ਮੌਕੇ ਵਿਧਾਇਕ ਦੇ ਮੀਡੀਆ ਇੰਚਾਰਜ ਬਲਕਾਰ ਸਿੰਘ ਸਿਧੂ, ਗੁਰਜੀਤ ਸਿੰਘ ਕੋੜਿਆਂਵਾਲੀ, ਵਰਿੰਦਰ ਸਿੰਘ ਸਰਪੰਚ, ਬਿੱਟੂ ਨੰਬਰਦਾਰ, ਸਿਮਰਜੀਤ ਸਿੰਘ, ਸੁਭਾਸ਼ ਕੁਮਾਰ ਸਰਪੰਚ ਚੁਵਾੜਿਆਂ ਵਾਲੀ, ਰਮੇਸ਼ ਕੁਮਾਰ ਸਾਬਕਾ ਸਰਪੰਚ, ਬਲਕਾਰ ਜੋਸਨ, ਅਮੀਰ ਸਿੰਘ, ਰਛਪਾਲ ਸਿੰਘ, ਸੁਖਦੇਵ ਸਿੰਘ ਸਾਬਕਾ ਸਰਪੰਚ, ਡਾ. ਪ੍ਰੇਮ ਸਿੰਘ, ਰਾਜਬੀਰ ਸਿੰਘ, ਜਸਵਿੰਦਰ ਸਿੰਘ ਓਝਾਂ ਵਾਲੀ, ਗੁਰਦੀਪ ਸਿੰਘ, ਕੁਲਦੀਪ ਸਿੰਘ, ਪਾਲ ਸਿੰਘ, ਸੁਰਿੰਦਰ ਸਿੰਘ ਅਭੁੱਨ, ਸ਼ੇਰਬਾਜ ਸਿੰਘ, ਅਮਰਜੀਤ ਸਿੰਘ, ਅੰਗਰੇਜ਼ ਸਿੰਘ, ਸਤਪਾਲ ਭੁਸਰੀ, ਸੁਰਿੰਦਰ ਪਾਲ ਸਿੰਘ ਛਿੰਦਾ, ਕਿਸ਼ੋਰ ਸਾਬੂਆਣਾ, ਹਰਬੰਸ ਸਿੰਘ, ਸੋਨੂੰ ਮੌਜਮ, ਮਾਸਟਰ ਜੋਗਿੰਦਰ ਸਿੰਘ, ਪਰਮਪਾਲ ਸਿੰਘ ਰਾਮਪੁਰਾ, ਬਲਵਿੰਦਰ ਵਨ ਵਾਲਾ, ਗੁਰਜੰਟ ਸਿੰਘ ਚਿਮਨੇਵਾਲਾ, ਵੇਦ ਢਾਬਾਂ, ਬੰਟੀ ਬਜਾਜ ਆਦਿ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਭਾਰੀ ਸੰਖਿਆ ਵਿਚ ਕਾਂਗਰਸ ਵਰਕਰ ਮੌਜੂਦ ਸਨ। ਜਾਣਕਾਰੀ ਦਿੰਦਿਆਂ ਵਿਧਾਇਕ ਦੇ ਮੀਡੀਆ ਇੰਚਾਰਜ ਬਲਕਾਰ ਸਿੰਘ ਸਿੱਧੂ ਨੇ ਦੱਸਿਆ ਕਿ ਵਿਧਾਇਕ ਸ. ਦਵਿੰਦਰ ਸਿੰਘ ਘੁਬਾਇਆ ਵੱਲੋਂ ਦੋ ਜ਼ੋਨਾਂ ਝੋਕ ਡਿਪੂ ਲਾਣਾ ਜੌਨ ਅਤੇ ਜੋੜਕੀ ਕੰਕਰ ਵਾਲੀ ਜੌਨ ਦੀਆਂ ਮੀਟਿੰਗਾਂ ਕੀਤੀਆਂ ਗਈਆਂ। ਜਿਨ•ਾਂ ਵਿਚ ਵਿਧਾਇਕ ਸ. ਘੁਬਾਇਆ ਨੇ ਪੰਚਾਇਤ, ਬਲਾਕ ਸੰਮਤੀ ਅਤੇ ਜ਼ਿਲ•ਾ ਪਰਿਸ਼ਦ ਦੀਆਂ ਹੋਣ ਵਾਲੀਆਂ ਚੋਣਾਂ ਨੂੰ ਲੈ ਵਰਕਰਾਂ ਨੂੰ ਤਿਆਰੀ ਵਿਚ ਜੁੱਟ ਜਾਣ ਬਾਰੇ ਕਿਹਾ। ਉਨ•ਾਂ ਕਿਹਾ ਕਿ ਉਕਤ ਚੋਣਾਂ ਵਿਚ ਇਮਾਨਦਾਰ ਛਵੀ ਵਾਲੇ ਉਮੀਦਵਾਰ ਹੀ ਮੈਦਾਨ ਵਿਚ ਉਤਾਰੇ ਜਾਣਗੇ। ਉਨ•ਾਂ ਕਿਹਾ ਕਿ ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਮੁੱਖ ਮੰਤਰੀ ਕੈਪਟਨ ਅਮਰਿੰਦਰ ਸਿੰਘ ਦੀ ਅਗਵਾਈ ਵਿਚ ਹੋਣ ਵਾਲੀਆਂ ਇਨ•ਾਂ ਚੋਣਾਂ ਵਿਚ ਕਿਸੇ ਨੂੰ ਵੀ ਨਸ਼ਾ ਵੰਡਣ ਨਹੀਂ ਦਿੱਤਾ ਜਾਵੇਗਾ। 

Panchayat, Block Committee and Zilla Parishad elections take workers to Congress workers: MLA Ghubaya

Meeting of Congress workers in two zones
Fazilka, August 4: Every Congress worker should take the task of defeating the candidates of Akali BJP and other political parties for the elections being held by Panchayat, Block Samiti and Zilla Parishad. Apart from this, Congress workers brought the Congress government's welfare policies home. This was stated by Fazilka Halqi MLA Davinder Singh Ghubaya while addressing the Congress workers of the Zok Dipulana Zone. Apart from this, he asked the workers of Junkyard Kankar Zone to get ready for the elections. On this occasion, the MLA of the media, Balkar Singh Sidhu, Gurjeet Singh Gill, the cordial, Varindra Singh Sarpanch, Bittu Nambarar, Simarjit Singh, Subhash Kumar, Sarpanch, Ramesh Kumar, ex Sarpanch, Balkar Josan, Amir Singh, Rachpal Singh, Sukhdev Singh ex Sarpanch, Dr. Prem Singh, Rajbir Singh, Jaswinder Singh Ojhnawali, Gurdeep Singh, Kuldeep Singh, Pal Singh, Surinder Singh Abhun , Sher Baj Singh, Amarjeet Singh, Angrej Singh, Satpal Bhusri, Surinder Pal Singh Chhinda, Kishore Sabuana, in charge of Harbans Singh office, Sonu Mozam, Master Joginder Singh, Parampal Singh Rampura, Balvindra waanwalla, Gurjant Singh Chimanevala, Ved Dhaban, Bunty Bajaj Besides, a large number of Congress workers were present.
                             Giving information, MLA of the media, Balkar Singh Sidhu said that MLA The meeting was held in two zones by Congress workers and information was given about the elections. In these meetings, MLA Dawindar Singh Ghubaya Panchayat, Block Samiti and Candidates with honest image of the Congress party will be fielded in the Zilla Parishad elections and start preparing for it. He also said that this election being held under the leadership of Punjab Chief Minister Capt Amrinder Singh will be drug-free and nobody will be allowed to disturb anyone during the elections. He said that the Congress party has fulfilled all the commitments made before the elections and the development works which are incomplete will be completed in every situation.

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Fazilka @ Bangla

तीर निशाने पे 



शायद फाजिल्का ही ऐसा शहर है जो पहले गावं नहीं था और एक ईमारत (बांग्ला) के नाम पर मशहूर हो गया, बसने की दास्तान भी बड़ी मज़ेदार- अंग्रेज ऑफिसर patrick alexander vans agnew बंगले के निर्माणकर्ता - फाजिल्का बसा तो मुस्लमान मिया फज़ल खान Wattuके नाम पर - और भी मज़ेदार हिस्ट्री - यहाँ ना तो फज़ल खान Wattuका खानदान रहता है और ना ही कोई अंग्रेज - देश का विभाजन हुआ तो यहाँ हिन्दू और सिख बस गए - बस यही कहना मुनासिब है कि फाजिल्का सर्व धरम शहर है‡

Fazilka ek esa shehar hai, jo per gavn nahi thaa. ek imaarat (BANGLA) ke naam par mashoor ho gaya, basne kee dastaan bhi bahut mazedaar hai. angrej officer patrick alexander vans agnew bangle ke nirmantkarta the - 

Fazilka bsa to muslim FAZAL KHAN WATTU ke naam per, or bhi mazedaar history - yahan naa to Fazal khan kaa parivaar or naa hee angej - desh kaa vibhajan huya to yahan Hindu Sikh bs gaye, bs yahi kehna munasib hai k Fazilka Sarv Dharam Sehar hai + (Lachhman Dost Fazilka)
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Aug 3, 2018

List of Members of Punjab Legislative Assembly From April 5, 1937 to March 19, 1945

List of Members of Punjab Legislative Assembly
From April 5, 1937 to March 19, 1945

Sr. No. Name of the Member Constituency
1. Abdul Aziz, Mian Outer Lahore, Muhammadan, Urban
2. Abdul Hamid Khan, Sufi Ambala and Simla - Muhammadan, Rural
3. Abdul Rab, Mian Jullundur South - Muhammadan, Rural
4. Abdul Rahim, Chaudhri Shakargarh - Muhammadan, Rural
5. Abdul Rahim, Chaudhri South-East Gurgaon - Muhammadan, Rural
6. Afzaal Ali Hasnie, Syed Shahdara - Muhammadan, Rural
7. Ahmad Bakhsh Khan, Mr North Punjab - Non-Union Labour
8. Ahmad Yar Khan, Chaudhri North-West Gujrat - Muhammadan, Rural
9. Ajit Singh, Sardar South-West Punjab, Sikh - Rural
10. Akbar Ali, Pir Fazilka - Muhammadan, Rural
11. Ali Akbar, Chaudhri Gurdaspur, East - Muhammadan, Rural
12. Allah Bakhas Khan, Shahpur - Muhammadan, Rural
Khan Bahadur Nawab Malik
13. Allah Yar Khan Daultana, Mian Mailsi - Muhammadan, Rural
14. Amar Nath Shah, Lala Sialkot-Amritsar - Rural
15. Amir-ud-Din, Khan Sahib Mian Inner Lahore - Muhammadan, Rural
16. Anant Ram, Chaudhri Karnal South - General, Rural
17. Asghar Ali, Khan Sahib Chaudhri Gujrat East - Muhammadan, Rural
18. Ashiq Hussain, Captain Multan Muhammadan, Rural
19. Atma Ram, Rai Sahib Lala Hissar North - General, Rural
20. Badar Mohy-u-Din Qadri, Mian Batala - Muhammadan, Rural
21. Bahadur Chaudhry Khan
Sir Shahab-ud-Din, Speaker
22. Bahadur Mian Ahmad Yar Mailsi - Muhammadan, Rural
Khan Daultana
23. Bahadur Mian Khan Mushtaq Muzaffargarh North - Muhammadan, Rural
Ahmad Gurmani
24. Bahadur Nawab Khan Sir Tumandar
Muhammad Jamal Khan Leghari
25. Bahadur Sardar Gurbachan Singh,
Deputy Speaker
26. Balbir Singh, Rao Bahadur North-West Gurgaon - General, Rural
Captain Rao
27. Baldev Singh, Sardar Ambala North - Sikh, Rural
28. Balwant Singh, Sardar Sialkot - Sikh, Rural
29. Barkat Ali, Malik Easter Towns - Muhammadan, Rural
30. Basakha Singh, Rai Bahadur Sardar Amritsar Central - Sikh, Rural
31. Bhagat Ram Sharma, Pandit Kangra West - General Rural
32. Bhagwant Singh, Rai Sahib Kangra East - General, Rural
33. Bhim Sen Sachar, Lala North Western Towns - General Urban
34. Binda Saran, Rai Bahadur NIL
35. Brijraj Saran, Kanwar East Punjab Landholders
36. Chaman Lal, Diwan East Punjab - Non-Union Labour
37. Chanan Singh, Sardar Kasur - Sikh, Rural
38. Chhotu Ram, Chaudhri Sir Jhajjar General Rural
39. Dasaundha Singh Sardar,
Deputy Speaker
40. Deshbandhu Gupta, Lala South-Eastern Towns - General Urban
41. Dev Raj Sethi, Mr Lyallpur and Jhang General Rural
42. Dina Nath, Captain Kangra South - General, Rural
43. Duni Chand, Lala Ambala and Simla - General, Rural
44. Duni Chand, Mr Lahore City - General Urban
45. Duni Chand, Mrs Lahore, Women, General
46. Faiz Muhammad Khan, Rai Kangra, Eastern Hoshiarpur - Muhammadan,
Rural
47. Faqir Chand, Chaudhri Karnal North - General Reserved Seat, Rural
48. Faqir Hussain Khan, Chaudhri Tarn Taran - Muhammadan, Rural
49. Farman Ali Khan, Subedar Major Raja Gujar Khan - Muhammadan, Rural
50. Fateh Khan, Raja Rawalpindi East - Muhammadan, Rural
51. Fateh Muhammad, Mian Gujrat North - Muhammadan, Rural
52. Fateh Sher Khan, Malik Montogomery - Muhammadan, Rural
53. Fatehjang Singh, Bhai South-East - Sikh, Rural
54. Fazal Ali Khan, Gujrat East - Muhammadan, Rural
Khan Bahadur Nawab Chaudhri
55. Fazal Din, Khan Sahib Chaudhri Ajnala - Muhammadan, Rural
56. Fazal Karim Bakhsh, Mian Muzaffargah - Muhammadan, Rural
57. Few, Mr Anglo Indian
58. Ghulam Hussain, Khawaja Multan Division Towns - Muhammadan,Urban
59. Ghulam Mohy-ud-Din, M. Sheikhupura - Muhammadan, Rural
60. Ghulam Murtaza, Khawaja Dera Ghazi Khan, North - Muhammadan,Rural
61. Ghulam Qadar Khan, Khan Bahadur Mianwali North - Muhammadan, Rural
62. Ghulam Rasul, Chaudhri Sialkot Central - Muhammadan, Rural
63. Ghulam Samad, Khawaja Southern Town - Muhammadan, Urban
64. Girdhari Das, Mahant South-East Multan Division - General, Rural
65. Gokul Chand Narang West Lahore Division - General, Rural
66. Gopal Das, Rai Sahib Lala Kangra North - General, Rural
67. Gopal Singh, Sardar Ludhiana and Ferozepore, General
Reserved Seat, Rural
68. Gopi Chand Bhargava, Dr. Lahore City - General, Urban
69. Guest, Mr. P.H. Punjab Commerce and Industry
70. Habib-Ullah Khan, Malik Sargodha-Muhammadan, Rural
71. Haibat Khan Daha, Khan Khanewal-Muhammadan, Rural
72. Hans Raj, Bhagat Amritsar and Sialkot-General,
Reserved Seat, Rural
73. Hari Chand, Rai Una-General, Rural
74. Hari Lal, Munshi South-Western Town-General, Urban
75. Hari Singh, Sardar Kangra and Northern Hoshiarpur-Sikh Rural
76. Harjab Singh, Sardar Hoshiarpur South-Sikh, Rural
77. Harnam Das, Lala Lyallpur and Jhang-General,
Reserved Seat, Rural
78. Harnam Singh, Sodhi, Lieutenant Ferozepore North-Sikh Rural
79. Het Ram, Rai Sahib Chaudhri Hissar South-General Rural
80. Indar Singh, Sardar Gurdaspur North-Sikh, Rural
81. Jafar Ali Khan, Mr Okara-Muhammadan Rural
82. Jagjit Singh Bedi, Tikka Mantogomery, East-Sikh, Rural
83. Jagjit Singh, Sardar Central Punjab, Landholders
84. Jahan Ara Shah Nawaz, Mrs Outer Lahore - Muhammadan, Women, Urban
85. Jahangir Khan, Chaudhri Okara - Muhammadan, Rural
86. Jalal-ud-Din Amber, Chaudhri West Central Punjab-Indian Christian
87. Joginder Singh Maan, Sardar Gujranwala and Shandara Sikh, Rural
88. Jugal Kishore, Chaudhri Ambala and Simla-General
Reserved Seat, Rural
89. Kabul Singh, Master Jullundur East-Sikh, Rural
90. Kapoor Singh, Sardar Ludhiana East-Sikh Rural
91. Karamat Ali Shaikh Nankana Sahib, Muhammadan, Rural
92. Kartar Singh, Chaudhri Hoshiarpur West-General, Rural
93. Kartar Singh, Sardar Lyallpur East-Sikh, Rural
94. Khalid Latif Gauba, Mr. Inner Lahore-Muhammadan, Urban
95. Kishan Dass Seth Jullundur-General, Reserved Seat, Rural
96. Kishan Singh, Sardar Amritsar Central-Sikh Rural
97. Krishana Gopal Dutt, Chaudhri North-Eastern Towns-General, Urban
98. Lal Singh, Sardar Ludhiana Central-Sikh Rural
99. Lala Bhagat Ram Choda Jullundur-General Rural
100. Malik Sardar Khan Noon Major North Punjab Landholders
101. Malik Sir Khizar Hayat Khan Tiwana Khushab Muhammadan Rural
102. Manohar Lal, Mr. NIL
103. Mazhar Ali Azhar, Maulvi North-Eastern Towns-Muhammadan, Rural
104. Mian Abdul Haye Muhammadan, Urban
105. Mir Maqbool Mahmood Amritsar-Muhammadan, Rural
106. Mohar Singh, Chaudhri North-West Gurgaon. Rural
107. Mohd-ud-Din Lal Badshah, Pir Attock Sourth-Muhammadan, Rural
108. Mubarik Ali Shah, Syed Jhang Central-Muhammadan, Rural
109. Muhammad Yasin Khan, Chaudhri North-West Gurgaon-Muhammadan, Rural
110. Muhammad Abdul Rahman Khan, Jullundur North-Mohammadan, Rural
Chaudhri
111. Muhammad Akram Khan, Khan Jhelum-Muhammadan, Rural
Bahadur Raja
112. Muhammad Alam, Dr Shaikh Rawalpindi Division Towns-Muhammadan,
Urban
113. Muhammad Amin, Khan Sahib Sheikh Multan Division Town-Muhammadan Urban
114. Muhammad Ashraf, Chaudhri South West Gujrat-Muhammadan, Rural
115. Muhammad Azim Khan, Sardar Dera Ghazi Khan-Muhammadan, Rural
116. Muhammad Hassan Khan Gurchani, Dera Ghazi Khan South-Muhammadan, Rural
Khan Bahadur Sardar
117. Muhammad Hassan, Chaudhri Ludhiana-Muhammadan, Rural
118. Muhammad Hassan, Khan Bahadur Alipur-Muhammadan, Rural
Mukhdum Syed
119. Muhammad Hayat Khan Noon, North Punjab-Landholder
Nawab Sir Malik
120. Muhammad Hussain, Chaudhri Gujranwala East-Muhammadan, Rural
121. Muhammad Hussain, Sardar Chunian-Muhammadan, Rural
122. Muhammad Iftikhar-ud-Din, Mian Kasur-Muhammadan, Rural
123. Muhammad Khan Sahib, Chaudhri Pir South-East Gujrat-Muhammadan, Rural
124. Muhammad Nawaz Khan, Major Sardar Attock Central-Muhammad Rural
125. Muhammad Qasim, Chaudhri Balwal-Muhammad Rural
126. Muhammad Raza Shah Jeelani, Shujabad-Muhammad, Rural
Makhdumzada Haji Sayed
127. Muhammad Saadat Ali Khan, Khan Samundri-Muhammadan, Rural
Sahib, Nawab
128. Muhammad Sadiq, Sheikh Amritsar City-Muhammadan, Urban
129. Muhammad Sarfraz Khan, Chaudhri Sialkot North-Muhammadan, Rural
130. Muhammad Sarfraz Khan, Raja Chakwal-Muhammadan, Rural
131. Muhammad Shafi Ali Khan, Rohtak-Muhammadan, Rural
Khan Sahib Chaudhri
132. Muhammad Waliyat Hussain Jeelani, Lodhran-Muhammadan, Rural
Mukhdumzada Haji Sayed
133. Muhammad Yusaf Khan, Khan Rawalpindi Sadar-Muhammadan, Rural
134. Mukand Lal Puri, Rai Bahadur Rawalpindi Division-General Rural
135. Mula Singh, Sardar Hoshiarpur West-General, Reserved Seat, Rural
136. Mumtaz Muhammad Khan Daultana, West Punjab-landholders
Mian
137. Muni Lal Kalia, Pandit Ludhiana and Ferozepore-General Rural
138. Muzaffar Ali Khan, Sardar Lahore-Muhammadan, Rural
139. Muzaffar Khan, Khan Bahadur Mianwali South-Muhammadan, Rural
Captain Malik
140. Muzaffar Khan, Khan Bahadur Nawab, Attock North-Muhammadan, Rural
C.I.E.
141. Narendra Nath, Diwan Bahadur Raja East Punjab-Landholders
142. Narotam Singh Sidhu, Sardar South-East Punjab-Sikh, Rural
143. Nasir-ud-Din, Shan, Pir Toba Tek Singh-Muhammadan, Rural
144. Nasir-ud-Din, Chaudhri Gujranwala North-Muhammadan, Rural
145. Nasrullah Khan, Rana Hoshiarpur West-Muhammadan, Rural
146. Naunihal Singh Mann, Lieutenant Sardar Sheikhupura West-Sikh, Rural
147. Nawab Ashiq Hussain Major Multan-Muhammadan
148. Nawabzada Muhammad Faiyz Ali Khan Karnal-Muhammadan, Rural
149. Nawazish Ali Shah, Syed Jhang East-Muhammadan, Rural
150. Nur Ahmad Khan, Khan Sahib Mian Dipalpur-Muhammadan, Rural
151. Nurullah Mian Lyallpur-Muhammadan, Rural
152. Parbati Devi, Bibi Lahore City-General Women
153. Partab Singh, Sardar Amritsar, South-Sikh, Rural
154. Pohop Singh, Rao East Punjab, Landholders
155. Prem Singh, Chaudhri South-East Gurgaon-General,
Reserved Seat, Rural
156. Prem Singh, Mahant Gujrat and Shahpur-Sikh, Rural
157. Pritam Singh Sidhu, Sardar Ferozepore West-Sikh, Rural
158. Raghbir Kaur, Shrimati Amritsar-Sikh, Women
159. Rai Bahadur Chaudhri Sham Lal West Multan Division-General, Rural
160. Rai, Mr. C Amritsar & Sialkot-General, Rural
161. Raja Ghazanfar Ali Khan Pind Dadan Khan-Muhammadan, Rural
162. Rallia Ram, Mr. K.L. West Central Punjab-Indian Christian
163. Ram Narain Virmani, Seth Lyallpur and Jhang-General Rural
164. Ram Sarup, Chaudhri Rohtak, Central-General, Rural
165. Ram Sharma, Shri Pandit Southern Towns-General Urban
166. Ranpat, Chaudhri Karnal North-General Urban
167. Rashida Latif Baji, Begum Inner Lahore-Muhammadan Women, Urban
168. Riasat Ali, Khan Sahib Chaudhri Hafizabad-Muhammadan, Rural
169. Roshan Din, Chaudhri Shahdara-Muhammadan, Rural
170. Rur Singh, Sardar Ferozepore East-Sikh, Rural
171. Sadiq Hassan, Shaikh Amritsar City-Muhammadan, Urban
172. Sahib Dad Khan, Chaudhri Hissar-Muhammadan, Rural
173. Sahib Ram, Chaudhri Hissar North-General Rural
174. Saif-ud-Din Kitchlew, Dr Amritsar City-Muhammadan, Urban
175. Sampuran Singh, Sardar Lyallpur, West-Sikh, Rural
176. Sant Ram Seth, Dr. Amritsar City-General, Urban
177. Santokh Singh, Sardar Sahib Sardar Eastern Towns-Sikh, Urban
178. Sardar Ujjal Singh Sardar Sahib Western Towns-Sikh, Urban
179. Satya Pal, Dr. Sialkot-Amritsar-General, Rural
180. Shah Nawaz Khan, Nawab Khan Ferozepur Central-Muhammadan, Rural
181. Shahadat Khan, Khan Sahib Rai Jaranwala-Muhammadan, Rural
182. Shaikh Faiz Muhammad Dera Ghazi Khan Central-Muhammadan,Rural
183. Shaukat Hayat Khan, Sardar Attock North-Muhammadan, Rural
184. Sher Singh, Sardar Montgomery East-Sikh, Rural
185. Shiv Dyal, Lala South-Western Towns-General, Urban
186. Sikander Hayat Khan Major Sir West Punjab-landholders
187. Singha, Mr. S.P. East Central Punjab-Indian Christian
188. Sita Ram, Lala Trade Union, Labour
189. Sohan Lal, Rai Sahib Lala North Punjab-Non-Union, Lahore
190. Sohan Singh Josh, Sardar Amritsar North-Sikh, Rural
191. Sudarshan, Lala Eastern Towns-General Urban
192. Sultan Mahmood Hatiana, Mian Pakpattan-Muhammadan, Rural
193. Sumer Singh, Chaudhri South-East Gurgaon-General, Rural
194. Sundar Singh Majithia Dr. Sir Batala, Sikh, Rural
195. Suraj Mal, Chaudhri Hansi-General, Rural
196. Syed Amjad Ali Shah, O.B.E. Ferozepur East-Muhammadan, Rural
197. Talib Hussain Khan, Khan Jhang West-Muhammadan, Rural
198. Tara Singh, Sardar Ferozepur South-Sikh, Rural
199. Teja Singh, Swatantar, Sardar Lahore West-Sikh, Rural
200. Thakur Ripudaman Singh Gurdaspur-General, Rural
201. Tikka Ram Chaudhri Rohtak North-General, Rural
202. Umar Hayat Khan, Chaudhri Bhalwal-Muhammadan, Rural
203. Uttam Singh Dugal, Sardar North-West Punjab-Sikh, Rural
204. Wali Muhammad Sayyal Hiraj, Sardar Kabirwala-Muhammadan, Rural
205. William Roberts Professor European


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Aug 2, 2018

36 एस.सी.लाभार्थियों के 10 लाख से अधिक कर्ज हुआ माफ: घुबाया
-फाजिल्का में विधायक दविन्द्र सिंह घुबाया ने बांटे कर्जमाफी सर्टिफिकेट

फाजिल्का- अनुसूचित जाति व पिछड़े वर्ग के विकास के लिए प्रदेश की कांग्रेस सरकार द्वारा अनेक भलाई स्कीमें चलाई जा रही हैं। यह बात फाजिल्का हलके के विधायक दविन्द्र सिंह घुबाया ने कही। वह यहां फाजिल्का हलके में एस.सी. / बी.सी. वित्त कार्पोरेशन की ओर से 50 हजार रूपये तक कर्ज माफी सर्टिफिकेट बांटने आए थे। 
    इस बारे में जानकारी देते हुए विधायक स. घुबाया के मीडिया इंचार्ज बलकार ङ्क्षसह सिद्धू ने कहा कि एस.सी. कर्जदारों ने पंजाब अनुसूचित जाति भूमि विकास व वित्त कार्पोरेशन (पी.एस.सी.एफ.सी.) से कर्ज लिया था। उनका कर्ज 50-50 हजार रूपये तक माफ किया गया है। उन्होंने बताया कि यह कर्ज दुकान, जनरल स्टोर, रिपेयर, डाक्यूमेंट सैंटर, लक्कड़ के काम आदि आय बढ़ाने वाले धंधे के लिए पिछले साल लिए गए थे। इस दौरान अपने संबोधन में विधायक दविन्द्र ङ्क्षसह घुबाया ने कहा कि विधायक ने कहा कि पंजाब सरकार ने अनुसूचित जातियों व पिछड़ी श्रेणियों के कर्जदारों को कर्ज के जंजाल से निकालने के लिए अनुसूचित जातियों के 14260 व पिछड़ी श्रेणियों के 1630 कर्जदारों का 50-50 हजार रूपये तक का कर्ज माफ किया गया है। जो करीब 52 करोड़ रूपये बनता है। उन्होंने बताया कि पंजाब सरकार की ओर फाजिल्का हलके में 36 लाभार्थियों के 10 लाख 36 हजार रूपये के कर्ज माफ किए गए हैं। 
   स. घुबाया ने कहा कि पंजाब सरकार की ओर से पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप के लिए 800 करोड़ रूपये का बजट रखा गया है। प्रधानमंत्री आवास योजन के तहत अनुसूचित जाति वर्ग के लिए 26.60 करोड़ रूपये पास किए गए हैं। वहीं अनुसूचित जाति वर्ग के लिए उच्च शिक्षा के लिए चार प्रतिशत ब्याज पर 20 लाख रूपये तक के कर्ज का प्रावधान है जोकि पढ़ाई पूरी करने के बाद ही अदा करना होता है और इस तरह के कर्ज पर भी सरकार काफी मदद करती है। इस तरह की सरकार की अनेक योजनाएं कमजोर वर्गों के विकास के लिए चल रही है। विधायक ने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने पंजाब की जनता से जो वायदे कए थे, वह पूरे किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को दो दो लाख रूपये के कर्ज माफ किए गए हैं। अनुसूचित जाति व पिछड़े वर्ग के 50 हजार रूपये तक का कर्जा माफ किया गया। इस दौरान प्यार सिंह थेह कलंदर, अमर ङ्क्षसह ओझां वाली, जंगीर सिंह ओझां वाली, जगमीत सिंह मौजम, बूड़ सिंह लाधुका, पूरन चंद कोयल खेड़ा, प्रीतम ङ्क्षसह कीडिय़ां वाली, गुरदीप सिंह कीडिय़ां वाली, बलतेज सिंह कीडिय़ां वाली, रामजी कीडियां वाली, राजिन्द्र कुमार खुईखेड़ा, सही राम कबूल शाह खुब्बण, करनैल सिंह झुगे गुलाब सिंह आदि के लिए माफ किए गए हैं।
More than 10 lakh loans of 36 SC beneficiaries are waived
- MLA Dwindra Singh Ghubaya distributed debt forgiveness certificate in Fazilka
Several development schemes are being run by the Congress government of the state for the development of Fazilka-SC and OBC category. Fazilka lightweight MLA Dwindra Singh Ghubaya said this. He is here in Phazilka lightly SC / BC The Finance Corporation had come to distribute debt forgiveness certificates up to Rs 50 thousand.
    Giving information about this, the MLA 's Media Incharge,\ S. Barkar Singh Sidhu said that SC The borrowers took loans from Punjab Scheduled Caste Land Development and Finance Corporation (PSCFC). His loan has been waived to 50-50 thousand rupees. He told that he had gone for the last year for the business of building income shops, general stores, repair, documentary centers, lumber work etc. In his address, MLA Dwindra Singh also said that the MLA said that the Punjab government had to pay 50-50 thousand rupees to the 1630 borrowers of 14260 Scheduled Castes and backward classes of Scheduled Castes to get loan of the borrowers of Scheduled Castes and Backward Classes. The loan has been waived. Which is about Rs 52 crores. He said that the debt of 36 lakh beneficiaries has been waived for Rs. 10 lakh 36 thousand in Phazilka light on the Punjab Government.
   S Swabia said that a budget of Rs. 800 crore has been earmarked for Post Matric Scholarship from the Punjab Government. Under the Prime Minister's housing scheme, Rs. 26.60 crore has been received for scheduled caste class. At the same time there is a provision of loan of up to Rs 20 lakh for four percent interest for higher education for the Scheduled Castes class, which is to be paid only after completion of studies and the government also helps a lot on such loans. Many such schemes of the government are being run for the development of weaker sections. The MLA said that the promises made by the Chief Minister Capt Amarinder Singh to the people of Punjab were being fulfilled. He said that the farmers have been forgiven for two lakh rupees loan. Loan up to Rs. 50 thousand of Scheduled Castes and Backward Classes was waived. During this period, Prem Singh Thihe Kalladar, Amar Singh, Jha Singh Singh, Jangir Singh Ojhn, Jagmeet Singh Mojam, Bud Singh Ladhuka, Puran Chand Kole Kheda, Pritam Singh, Kardiyan, Gurdeep Singh Kadiya, Baltej Singh Kadiya, Ramji Kidiya Vali, Rajindra Kumara Khukikhara, Correct Ram Kabul Shah Khuban, Karanel Singh Zuge Gulab Singh etc. have been forgiven.

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